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रांची, 25 नवंबर (हि.स.)। झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने मंगलवार को राजभवन में आयोजित एक गरिमामय समारोह में प्रख्यात मानवशास्त्री शरत चन्द्र राय की महत्वपूर्ण कृति ‘उरांव धर्म एवं प्रथाएं’ के हिंदी अनुवाद का लोकार्पण किया। इस पुस्तक का अनुवाद डॉ. राज रतन सहाय ने किया है।
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि यह कृति भारत की जनजातीय परंपराओं, आस्था, सामाजिक संरचना और सांस्कृतिक जीवन का जीवंत दस्तावेज है। उन्होंने उल्लेख किया कि शरत चन्द्र राय ने उरांव समाज की मान्यताओं, जीवन-दृष्टि और परंपराओं को अत्यंत गहनता से प्रस्तुत किया है।
राज्यपाल ने अनुवादक डॉ. राज रतन सहाय को बधाई देते हुए कहा कि अनुवाद संस्कृति के ज्ञान को व्यापक समाज तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम है और यह संस्करण मुख्यधारा के पाठकों को उरांव समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने वाला महत्वपूर्ण सेतु बनेगा।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की जनजातीय विरासत देश की प्राचीन सांस्कृतिक जड़ों का अभिन्न हिस्सा है। आधुनिक दौर में पारंपरिक ज्ञान और मूल्यों के संरक्षण की आवश्यकता बढ़ गई है, ऐसे में शोध-आधारित पुस्तकें अत्यंत मूल्यवान हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय संस्कृति और भाषाएं सिर्फ क्षेत्र विशेष तक सीमित न रहें, बल्कि व्यापक समाज तक पहुंचे।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने के निर्णय का उल्लेख किया और कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय समाज का योगदान प्रेरणादायक रहा है। बिरसा मुंडा, तिलका मांझी, सिद्धो-कान्हू, फूलो-झानो, चांद-भैरव और वीर बुधु भगत जैसे वीरों के योगदान को उन्होंने याद किया।
उरांव समाज के योगदान पर बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि टाना भगत आंदोलन सत्य, अहिंसा, आत्मसंयम और स्वदेशी विचारों पर आधारित एक सशक्त सामाजिक जागरण था, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को नई दिशा दी।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह पुस्तक शोधकर्ताओं, अकादमिक जगत और उन पाठकों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता को समझना चाहते हैं।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने भी अनुवादक डॉ. सहाय को बधाई देते हुए कहा कि किसी भी पुस्तक के अनुवाद में भावों की शुद्धता और मौलिकता बरकरार रखना अत्यंत आवश्यक है।
कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, विधायक डॉ. रामेश्वर उरांव, विधायक सरयू राय, पूर्व सांसद सुदर्शन भगत, पूर्व विधायक डॉ. गंगोत्री कुजूर सहित अनेक शोधकर्ता और शैक्षणिक एवं सामाजिक संस्थानों से जुड़े लोग उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे