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रामगढ़, 25 नवंबर (हि.स.)। बाल विवाह मुक्त भारत बनाने के लिए डालसा और अग्रगति संस्था ने संयुक्त रूप से 100 दिनों का कैंपेन शुरू किया है। बाल विवाह मुक्त भारत के अंतर्गत जिलास्तरीय स्टेकहोल्डर कार्यक्रम का उद्देश्य बाल विवाह की रोकथाम के लिए संवेदनशील बनाना है।
अग्रगति के परियोजना प्रभारी किरण शंकर दत्त ने कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी दी और अग्रगति संस्था की ओर से बाल सुरक्षा पर किए जा रहे कार्यों को बताया। कार्यक्रम में दो ऐसे लोगों को भी शामिल किया गया जिनका बाल विवाह अग्रगति संस्था के जरिए रोका गया था।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डालसा सचिव अनिल कुमार, बाल संरक्षण पदाधिकारी, प्रोटेक्शन ऑफिसर दुखहरन महतो, जिला समन्वयक, नीति आयोग राजनंदनी सहित अन्य उपस्थित थे।
बाल विवाह समाज की बड़ी कुरीति : अनिल
डालसा सचिव अनिल कुमार ने कहा कि बाल विवाह समाज में एक कुरीति ही नहीं बल्कि, देश की भविष्य को नष्ट करता है। जब बच्चे खेलने, पढ़ने और सपने देखने की उम्र में होते हैं, तब उन पर शादी का बोझ डाल देना उनके बचपन, उनकी शिक्षा और उनके आत्मविश्वास को छीन लेता है। बाल विवाह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं, लड़कियों की शिक्षा रुक जाती है और समाज में गरीबी का चक्र भी गहरा होता जाता है। बाल संरक्षण पदाधिकारी शांति बागे ने कहा कि सौभाग्य से हमारा संविधान और हमारे कानून इस कुरीति के खिलाफ खड़े हैं। सरकार द्वारा बाल विवाह प्रतिरोध अधिनियम, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना जैसी कई पहल बच्चों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से चलाई जा रही हैं। लेकिन केवल कानून और योजनाएं काफी नहीं हैं, समाज की सोच को बदलना ज़रूरी है।
कार्यक्रम का संचालन बेलाल अंसारी ने किया।
अग्रगति की ओर से मो कासिफ इकबाल, मो इस्तियाक आलम, अनीता देवी, हरीनाथ महतो तथा डालसा के पीएलवी विनोद रजक, अशोक ठाकुर, सहित अन्य उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश