कांग्रेस ने एसआईआर की प्रक्र‍िया में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए न‍िर्वाचन आयोग को सौपा ज्ञापन
रायपुर, 25 नवंबर (हि.स.)। छत्‍तीसगढ़ में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया में गड़बड़ियों को लेकर परेशान लोगों की बातों को लेकर कांग्रेस ने आज मंगलवार को ज्ञापन सौपा है। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय और पूर्व रायपुर मेयर एजाज ढेबर ने ज्ञापन
एसआईआर में गड़बड़ी काे लेकर ज्ञापन साैपते हुए


रायपुर, 25 नवंबर (हि.स.)। छत्‍तीसगढ़ में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया में गड़बड़ियों को लेकर परेशान लोगों की बातों को लेकर कांग्रेस ने आज मंगलवार को ज्ञापन सौपा है। पूर्व विधायक विकास उपाध्याय और पूर्व रायपुर मेयर एजाज ढेबर ने ज्ञापन में चुनाव आयोग पर पूरी तैयारी के बिना एसआईआर की प्रक्रिया को अंजाम देने का आरोप लगाया है।

पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने रामसागर पारा की रामजी हलवाई गली के लगभग 80 लोगों का नाम 2003 सूची से गायब होने पर निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की। मीडिया से चर्चा में पूर्व विधायक ने कहा कि इन्हीं लोगों ने 1998 में उन्हें वोट किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि एसआईआर को लेकर चुनाव आयोग की तैयारी पूर्ण नहीं है। आनन-फानन इसे लागू किया गया है, जिसकी वजह से जनता भटक रही है।

उन्होंने कहा कि बीएलओ को कुछ पता नहीं है। जिन लोगों का नाम 2003 सूची से गायब है, वे आखिर जाए तो कहां जाए। उनको कहा जा रहा है कि आप फार्म ऐसे ही भर दीजिए, बगैर 2003 के सूची की जानकारी दिए बगैर। चुनाव आयोग और सरकार को एसआईआर के लिए पहले सभी तैयारी करनी थी। बीएलओ और सुपरवाइजर को प्रापर ट्रेंड करना था। उसके बाद एसआईआर लागू करना था, जिससे जनता कम से कम भटकती नहीं।

वहीं पूर्व महापौर एजाज़ ढेबर ने भी मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान ढेबर ने कहा कि यह स्थिति सिर्फ चुनावी प्रक्रिया पर नहीं, बल्कि नागरिकों के मतदान के संवैधानिक अधिकार पर सीधा हमला है। ज्ञापन में बताया कि 2003 से लगातार मतदान कर रहे ऐसे हजारों नागरिकोें के नाम बिना किसी कारण, सूचना या सत्यापन के सूची से हटा दिए गए हैं। ढेबर ने इसे “चौंकाने वाली और अस्वीकार्य चूक” बताया है।

कई नागरिकों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन एसआईआर फॉर्म भरे। लेकिन कोई पावती/रसीद नहीं मिली, जिसकी वजह से आवेदन की स्थिति ट्रैक नहीं हो पा रही है। सही अपडेट होने की कोई पुष्टि उपलब्ध नहीं है। ढेबर ने कहा कि बिना पावती के नागरिक यह भी साबित नहीं कर सकते कि उन्होंने संशोधन के लिए आवेदन किया था।

ज्ञापन में यह भी प्रमुख रूप से उठाया गया कि जिन मतदाताओं के नाम कट गए हैं, उनके लिए कोई अलग पोर्टल या मॉड्यूल उपलब्ध नहीं है। न ही कोई स्पष्ट प्रक्रिया बताई गई है, जिससे भ्रम और निराशा पैदा हो रही है। ढेबर ने कहा कि लोग समझ ही नहीं पा रहे कि अपना नाम वापस सूची में लाने के लिए जाएँ कहाँ? शिकायत दर्ज कैसे करें?

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हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्र नारायण शुक्ल