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--ट्रिपल आईटी में तीन माह निवारक सतर्कता अभियान का समापन
प्रयागराज, 25 नवम्बर (हि.स.)। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद में “निवारक सतर्कता पर तीन माह का अभियान” का समापन मंगलवार को झलवा परिसर में किया गया। इस अभियान का उद्देश्य संस्थान में पारदर्शिता, ईमानदारी, सुशासन एवं उत्तरदायी प्रशासनिक संस्कृति को बढ़ावा देना था।
इस अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने बतौर मुख्य अतिथि सतर्कता के विभिन्न नैतिक, प्रशासनिक और कानूनी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सतर्कता केवल निगरानी नहीं, बल्कि एक ऐसी सोच है जो संस्थागत कार्यप्रणाली को मजबूत करती है। उन्होंने ट्रिपल आई टी इलाहाबाद द्वारा निरंतर आयोजित जागरूकता कार्यक्रमों की सराहना की और छात्रों को अनुशासन, ईमानदारी और जिम्मेदारी को जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी।
निदेशक प्रो. मुकुल शरद सुतावाने ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान समाज में नैतिक एवं उत्तरदायी नागरिकों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान में प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने हेतु डिजिटलाइजेशन, समीक्षा तंत्र और क्षमता निर्माण गतिविधियों को निरंतर मजबूत किया जा रहा है।
प्रो रजत कुमार सिंह, मुख्य सतकर्ता अधिकारी ने बताया कि तीन माह के इस अभियान के दौरान विभिन्न विभागों में जागरूकता कार्यक्रम, दिशा-निर्देशों का प्रसार, इंटरैक्टिव सत्र, सिस्टम समीक्षा, तथा निवारक सतर्कता से सम्बंधित गतिविधियों का आयोजन किया गया। सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत विशेषज्ञ व्याख्यान, पैनल चर्चा, विचार-विमर्श सत्र, सतर्कता संकल्प, निबंध लेखन प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता आदि कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें छात्रों, संकाय सदस्यों एवं कर्मचारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
मीडिया प्रभारी डॉ पंकज मिश्र ने बताया कि पूरे आयोजन के दौरान प्रतिभागियों को यह संदेश दिया गया कि सतर्कता केवल सुधारात्मक प्रक्रिया नहीं, बल्कि एक प्रोएक्टिव सिस्टम है जो भ्रष्टाचार को रोकने, प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाने और नैतिक मूल्यों को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक है। साथ ही, तकनीक आधारित समाधान अपनाने, विवेकाधिकार को कम करने और जवाबदेही बढ़ाने पर भी जोर दिया गया।
सतर्कता सप्ताह और तीन माह के अभियान के दौरान सक्रिय सहयोग प्रदान करने वाले सभी विभागों, संकाय सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों, छात्रों एवं स्वयंसेवकों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को प्रमाण पत्र एवं पुरस्कार भी प्रदान किए गए। संस्थान ने भविष्य में भी पारदर्शिता, सत्यनिष्ठा और सुशासन के सिद्धांतों को निरंतर आगे बढ़ाने के अपने संकल्प को दोहराया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र