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वाराणसी, 25 नवंबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित अस्सी घाट पर मंगलवार को काशी तमिल संगमम-4 के अंतर्गत रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। रंगोली प्रतियोगिता में 150 से अधिक छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर काशी व तमिल संस्कृति की समृद्ध विरासत को रंगों के माध्यम से उकेरा। घाट पर रंगों की रौनक देखकर स्थानीय लोगों के साथ-साथ देश-विदेश से आए पर्यटक भी खिंचे चले आए।
इस प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने काशी और तमिलनाडु के मंदिर स्थापत्य, लोक कला, पौराणिक कथाओं और सांस्कृतिक प्रतीकों को अपनी रचनात्मकता से उकेरा। किसी ने मदुरै के मीनाक्षी मंदिर को रंगों में संवारा तो किसी ने काशी विश्वनाथ धाम को केंद्र में रखकर अद्भुत कला प्रस्तुत की। दोनों संस्कृतियों के संगम की झलक इन रंगोलियों में स्पष्ट दिखाई दी। कई विदेशी मेहमानों ने भी कार्यक्रम में रुचि लेते हुए कलाकारों से उनकी कृतियों और भारतीय सांस्कृतिक परंपराओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। उल्लेखनीय है कि यह आयोजन बीएचयू की ओर से कराया गया। कार्यक्रम का संचालन और पर्यवेक्षण नोडल अधिकारी प्रोफेसर अंचल श्रीवास्तव, ज्ञानेंद्र कुमार तथा डॉ. ललित मोहन (डिपार्टमेंट ऑफ पेंटिंग) की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
प्रोफेसर अंचल श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम युवाओं को अपनी जड़ों और भारतीय कला परंपराओं से जोड़ने का महत्वपूर्ण माध्यम हैं। अस्सी घाट पर दिनभर चली इस रंगोली प्रतियोगिता ने न केवल सांस्कृतिक समन्वय की मिसाल पेश की बल्कि काशी तमिल संगमम-4 के उद्देश्य—देश के विभिन्न हिस्सों की सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देने को भी मजबूत आधार दिया। प्रतियोगिता के अंत में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी