अनूपपुर: अजाक्स अध्यक्ष की विवादित टिप्पणी पर आर्यावर्त ब्राह्मण महासभा का तीखा विरोध
जिलाध्यक्ष चैतन्य मिश्रा ने कहां समाज को बांटने वाली भाषा स्वीकार नहीं अनूपपुर, 25 नवंबर (हि.स.)। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) के नवनियुक्त प्रांताध्यक्ष आईएएस संतोष वर्मा की हालिया टिप्पणी को लेकर आर्यावर्त ब्राह्मण महास
जिलाध्यक्ष चैतन्य मिश्रा


जिलाध्यक्ष चैतन्य मिश्रा ने कहां समाज को बांटने वाली भाषा स्वीकार नहीं

अनूपपुर, 25 नवंबर (हि.स.)। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (अजाक्स) के नवनियुक्त प्रांताध्यक्ष आईएएस संतोष वर्मा की हालिया टिप्पणी को लेकर आर्यावर्त ब्राह्मण महासभा ने सख्त नाराजगी जताई है। संगठन का कहना है कि यह बयान समाज में अनावश्यक तनाव पैदा करता है और जातिगत संबंधों को गलत दिशा में ले जाता है। जिलाध्यक्ष चैतन्य मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि अधिवेशन के दौरान आरक्षण पर बोलते हुए वर्मा ने ब्राह्मण समाज के पारिवारिक रिश्तों और विवाह संबंधों को जिस तरह राजनीति से जोड़ा, वह पूरी तरह अनुचित है। उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय की बेटी या निजी रिश्तों पर इस तरह की टिप्पणी सामाजिक सौहार्द को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचाती है।

जिलाध्यक्ष ने कहा कि भारतीय संस्कृति बेटियों को सम्मान और बराबरी का दर्जा देती है। ऐसे में अपमानजनक या हल्की भाषा का इस्तेमाल कहीं से भी स्वीकार योग्य नहीं है वह भी जिम्मेदार पद बैठे हुए व्यक्ति से। उन्होंने यह भी कहा कि विवाह दो वयस्कों का व्यक्तिगत निर्णय होता है और इसे राजनीतिक बयान या जातिगत बहस में घसीटना समाज को पीछे धकेलने जैसा है। अजाक्स एक कर्मचारी संगठन है और उससे अपेक्षा की जाती है कि वह सेवा और प्रशासनिक मुद्दों पर ध्यान दे, न कि ऐसे बयान दे जो समुदायों के बीच अविश्वास बढ़ाएं।

महासभा का आरोप है कि संतोष वर्मा की टिप्पणी सामाजिक समरसता के खिलाफ है और यह जिम्मेदार पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। महासभा ने सरकार से मांग की है कि वर्मा के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई के साथ पद से पृथक किया जाए। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उचित कार्रवाई नहीं हुई तो विरोध प्रर्दशन शुरू किए जाएंगे। मिश्रा ने साफ कहा कि ब्राह्मण समाज के सम्मान पर किसी भी तरह की चोट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महासभा ने यह भी कहा कि भारत की सामाजिक परंपरा विविधता, पारस्परिक सम्मान और सहयोग पर आधारित है। निजी रिश्तों को विवाद का आधार बनाना न केवल अनुचित है बल्कि समाज को विभाजन की ओर ले जाता है।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला