चक्रवात सेन्यार की वजह से पश्चिम बंगाल में कड़ाके की ठंड में होगी देरी
कोलकाता, 24 नवम्बर (हि .स.)। दक्षिण बंगाल और कोलकाता में ठंड की शुरुआत इस सप्ताह बनने वाले संभावित चक्रवात सेन्यार के असर पर निर्भर करेगी। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र अलीपुर ने सोमवार को बताया कि बे ऑफ बंगाल (बंगाल की खाड़ी ) में बने लो-प्रेशर एर
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कोलकाता, 24 नवम्बर (हि .स.)। दक्षिण बंगाल और कोलकाता में ठंड की शुरुआत इस सप्ताह बनने वाले संभावित चक्रवात सेन्यार के असर पर निर्भर करेगी। क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र अलीपुर ने सोमवार को बताया कि बे ऑफ बंगाल (बंगाल की खाड़ी ) में बने लो-प्रेशर एरिया के कारण मौसम में बदलाव की संभावना बढ़ गई है, जिसके चलते साउथ बंगाल में शीतऋतु का आगमन फिलहाल टल सकता है।

केन्द्र के अनुसार बे ऑफ बंगाल में लो-प्रेशर आज सक्रिय हुआ है, जो 24 नवम्बर को डिप्रेशन में बदल सकता है। इसके बाद 26 नवम्बर तक इसके एक चक्रवाती तूफान का रूप लेने की आशंका है। इस संभावित तूफान का नाम ‘सेन्यार’ होगा, जिसे संयुक्त अरब अमीरात ने सुझाया है। यह पोस्ट-मॉन्सून सीजन में बे ऑफ बंगाल में विकसित होने वाला दूसरा चक्रवात होगा। इससे पहले चक्रवात ‘मोंथा’ 28 अक्टूबर को काकीनाड़ा के पास आंध्र तट को पार कर चुका है।

मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल चक्रवात सेन्यार के मार्ग को लेकर स्पष्टता नहीं है। लेकिन यदि यह प्रणाली बंगाल और ओडिशा तट की ओर बढ़ती है, तो इसका सीधा असर यहां के मौसम पर पड़ेगा और ठंड की शुरूआत टल जाएगी। अधिकारी के अनुसार, चक्रवाती प्रणाली के सक्रिय होने पर तापमान बढ़ेगा और सर्दी आगे खिसक जाएगी। यदि यह प्रणाली किसी अन्य दिशा की ओर मुड़ती है, तब भी मौसम में अप्रत्यक्ष बदलाव दिखेगा, जिससे तापमान ऊपर जाएगा, हालांकि इसका प्रभाव लंबे समय तक नहीं रहेगा।

अधिकारी ने बताया कि अगले दो दिनों में चक्रवाती प्रणाली की दिशा और तीव्रता को लेकर स्पष्ट संकेत मिल जाएंगे, जिसके बाद विस्तृत मौसम पूर्वानुमान जारी किया जाएगा।

इधर, समुद्री परिस्थितियों को देखते हुए मछुआरों को दक्षिण-पश्चिम बे ऑफ बंगाल में 25 नवम्बर तक और दक्षिण-पूर्व बे ऑफ बंगाल में 28 नवम्बर तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर