Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

प्रयागराज, 23 नवम्बर (हि.स.)। बेसिक फ्लाइंग ट्रेनिंग स्कूल (बीएफटीएस) में 216 एपीसी (एच) तथा 216 आईसीजी स्टेज 2 कोर्स की सफल समाप्ति के अवसर पर दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि, बीएफटीएस भारतीय वायु सेना का एक प्रमुख उड़ान प्रशिक्षण संस्थान है जिसकी स्थापना 09 अक्टूबर 1987 को हुई थी। यह संस्थान पायलटों को प्रारम्भिक प्रशिक्षण प्रदान करने तथा आधुनिक सैन्य विमानन की चुनौतियों के लिए तैयार करने में उत्कृष्टता का प्रतीक रहा है। रक्षा मंत्रालय, प्रयागराज के विंग कमांडर एवं पीआरओ ने रविवार को बताया कि एवीएम वेंकट तुकाराम मारे, एवीएसएम, वीएसएम ने समीक्षा अधिकारी (आरओ) के रूप में इस अवसर की शोभा बढ़ाई। उनका स्वागत बीएफटीएस के कमांडिंग ऑफिसर, ग्रुप कैप्टन गगन सीकरी ने किया। इस अवसर पर आरओ ने स्नातक अधिकारियों को प्रमाण पत्र और पाठ्यक्रम के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वालों को ट्रॉफी प्रदान की। लेफ्टिनेंट तुषार सिन्हा ने स्टेज 1 की उड़ान में प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि लेफ्टिनेंट मनीष गिरि ने ग्राउंड विषयों में प्रथम स्थान प्राप्त किया और स्टेज 1 में समग्र योग्यता क्रम में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। आईसीजी स्टेज 2 प्रशिक्षु अधिकारियों में, असिस्टेंट कमांडेंट कौस्तव बिस्वास ने उड़ान में प्रथम स्थान प्राप्त किया और उन्होंने आईसीजी स्टेज 2 में ग्राउंड विषयों में भी प्रथम स्थान प्राप्त किया।पुनरीक्षण अधिकारी ने अपने सम्बोधन में स्नातक अधिकारियों की प्रतिबद्धता और कर्मठता की सराहना की। कहा कि इस प्रकार की चुनौतीपूर्ण प्रशिक्षण को पूर्ण करना भारतीय सशस्त्र सेनाओं के उच्च मानकों और प्रशिक्षुओं के अथक प्रयासों का प्रमाण है। साथ ही, उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि सभी अधिकारी अपने व्यावसायिक जीवन की शुरुआत करते हुए भारतीय वायु सेना की उत्कृष्टता की विरासत को आगे बढ़ाएंगे।बीएफटीएस में पांच महीने के कठोर प्रशिक्षण के दौरान नए पायलटों को उन्नत ज्ञान और संचालन क्षमताओं से लैस किया गया जो युद्ध और मानवीय आपदाओं के अभियानों के लिए आवश्यक है। बीएफटीएस अपनी गौरवपूर्ण परम्परा को कायम रखते हुए व्यावसायिक रूप से निपुण ऐसे विमान चालकों को तैयार कर रहा है जो आधुनिक सैन्य आवश्यकताओं को पूर्ण करने में सक्षम हैं और भारतीय सशस्त्र सेनाओं में भविष्य के नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र