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मंदसौर, 23 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मंदसौर में रविवार को चन्द्रपुरा मेन रोड़ स्थित श्री आर्यरक्षित सूरि जैन तीर्थ पर द्वितीय ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया गया। दो वर्ष पूर्व चन्द्रपुरा मेन रोड़ पर आचार्य श्री अशोक सागर सूरिश्वरजी म.सा. की पावन प्रेरणा से श्री आर्यरक्षित सूरि जैन तीर्थ धाम पर मंदिरजी में उवसगहरं पार्श्वनाथ्ज्ञ की प्रतिमा एवं अन्य देव देवियों की प्रतिष्ठा की गई थी साथ ही आचार्य श्री आर्यरक्षित सूरिजी की प्रतिमा की भी प्रतिष्ठा हुई थी।
रविवार को मंदिर की प्रतिष्ठा के दो वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में श्री आर्यरक्षित जैन तीर्थ पर आचार्य श्री अशोकसागरसूरिश्वरजी म.सा. का 5 अन्य जैन आचार्यों एवं स्थानकवासी जैन परम्परा के संत श्री चिरागमुनिजी, श्री चन्द्रशेखरमुनिजी म.सा. एवं कई साध्वीगणों की पावन निश्रा में उवसगहरं पार्श्वनाथ मंदिर पर ध्वजा चड़ाई गई। वार्षिक ध्वजा चढ़ाने एवं सहधर्मी स्वामीवात्सल्य कराने का धर्मलाभ राजेन्द्र सुराना परिवार, बापूलाल संचेती परिवार, शांतिलाल लोढ़ा परिवार एवं पिंकेश शांतिलाल जरक परिवार ने लिया। इस मौके पर आगामी 2026 के आचार्य श्री अशोकसागरसूरिश्वजी म.सा. के चातुर्मास की आवश्यक बोलिया भी लगाई गई। जिसका धर्मलाभ भाग्यशाली परिवारों ने प्राप्त किया। पूजन के उपरांत ध्वजारोहण एवं उसके उपरांत समस्त जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक एवं संयुक्त स्थानकवासी जैन समाज का सहधर्मी स्वामीवात्सल्य का आयोजन हुआ।
आर्यरक्षित सूरि जैन तीर्थ धाम के नवीन उपाश्रय भवन में इस मौके पर विशाल धर्मसभा का आयोजन जिसमें आचार्य श्री अशोकसागरसूरिश्वरजी म.सा. ने धर्मसभा में उपस्थितजनों को मांगलिक श्रवण कराई। इस मौके पर आचार्य श्री विजयपियुषभद्रसूरिश्वरजी म.सा. ने कहा कि मंदसौर के धमार्लुजन भाग्यशाली है यहां की पावन धरती पर आचार्य श्री आर्यरक्षित सूरिजी का जनम हुआ उन्होनें पुरे देश में जिन शासन की प्रभावना बड़ाने का कार्य किया। आज जैन शास्त्रों में आचार्य आर्यरक्षित सूरि का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया