हिसार : आरक्षण में वर्गीकरण के विरोध और 72 हजार बैकलॉग पदों की मांग पर हुंकार
प्रदेश स्तरीय चमार महासम्मेलन में उमड़ा जनसैलाबहिसार, 23 नवंबर (हि.स.)। शहर की नई अनाज मंडी में रविवार को ‘चमार महासम्मेलन’ का आयोजन किया गया। इसमें हरियाणा के कोने-कोने से हजारों की संख्या में रविदासिया समाज के विभिन्न संगठन और लोग उमड़े। कार्यक्र
चमार सम्मेलन को संबोधित करते वक्ता।


चमार सम्मेलन में उपस्थित जनता।


प्रदेश स्तरीय चमार महासम्मेलन में उमड़ा जनसैलाबहिसार, 23 नवंबर (हि.स.)। शहर की नई अनाज मंडी में रविवार को ‘चमार महासम्मेलन’ का आयोजन किया गया। इसमें हरियाणा के कोने-कोने से हजारों की संख्या में रविदासिया समाज के विभिन्न संगठन और लोग उमड़े। कार्यक्रम के दौरान नीले झंडों का हुजूम नजर आया। इस महासम्मेलन में समाज ने शिक्षा, रोजगार और आरक्षण में हो रही कथित अनदेखी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। चमार महासम्मेलन आयोजक समिति हरियाणा के मुख्य वक्ता शीशपाल चालिया और अन्य वक्ताओं ने सरकार को चेताया कि अगर समाज के संवैधानिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ बंद नहीं हुआ तो आने वाले समय में यह आंदोलन और उग्र होगा।सम्मेलन में सबसे प्रमुख मुद्दा शिक्षा और आरक्षण में वर्गीकरण का रहा। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि एक साजिश के तहत चमार जाति के कोटे में डीएससी (वंचित अनुसूचित जाति) समाज को शामिल किया जा रहा है जिससे चमार समाज के बच्चों का हक मारा जा रहा है। सभा ने एक स्वर में मांग की कि शिक्षा में वर्गीकरण तुरंत समाप्त हो और अनुसूचित जाति (एससी) का आरक्षण 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 22.5 प्रतिशत किया जाए। रोजगार के मुद्दे पर समाज के प्रतिनिधियों ने कड़ा रुख अपनाया। मंच के वक्ताओं ने कहा कि भर्ती एजेंसियां ‘नॉट फाउंड सूटेबल’ (एनएफएस) का बहाना बनाकर योग्य उम्मीदवारों को बाहर कर देती हैं और आरक्षित सीटें खाली छोड़ दी जाती हैं। उन्होंने मांग की कि एनएफएस का खेल बंद कर बैकलॉग भरा जाए,विभिन्न विभागों में खाली पड़े 72 हजार बैकलॉग पदों पर तुरंत नियमित भर्ती हो, आउटसोर्सिंग और कौशल रोजगार निगम को बंद कर पक्की भर्तियां की जाएं। मंच से वक्ताओं ने राज्य की बड़ी नौकरियों में एकमात्र आरक्षित सीट को भी डीएससी के लिए आरक्षित करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने इसे समाज को उच्च पदों से वंचित रखने की सोची-समझी राजनीति करार दिया। इसके अलावा, सामाजिक कल्याण मंत्रालय पर जातिवादी मानसिकता से काम करने और छात्रवृत्ति व कल्याणकारी योजनाओं में देरी करने का आरोप भी लगाया गया। शिक्षा नीति पर बोलते हुए वक्ताओं ने कहा कि देश में अमीर और गरीब के बच्चों के लिए अलग-अलग शिक्षा व्यवस्था है। समाज ने मांग की कि राष्ट्रीय स्तर पर ‘एक देश, एक सिलेबस और एक बोर्ड’ लागू किया जाए ताकि सभी को समान अवसर मिल सकें। इस अवसर पर शीशपाल चालीया, विधायक नरेश सेलवाल, रघुवीर सुंडा, वजीर सिंह, डाक्टर राजेश कुमार, डाक्टर अनिल मेहरा, वीरेंद्र सिंह, बहादुर सिंह, रामकिशन, हुकुम सिंह, संजीव कोचर, डाक्टर निशा बराक, जगदीश मेहरा, वकील चंद रंगा, सरोज बाला गौड़, राजपाल मांडी, सुरेंद्र नरवाल, राजेंद्र कुमार, मुकेश कुमार, बिट्टू सिंह खालसा, रामभगत चहल, जोगेंद्र सिंह चोहान, बुधराम, ओम मेहरा, सरदार अमन सिंह, आदित्य पूनिया, राजकुमार अहलावत, राजकुमार मुवाल व बजरंग इंदल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति व हजारों लोग मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर