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आईसीएवीआरआई–2025 में उत्कृष्ट कार्य के लिए मिला सम्मान, वीसी ने की प्रशंसा
हिसार, 23 नवंबर (हि.स.)। लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय
(लुवास), के वैज्ञानिकों और शोधार्थियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर अपनी
श्रेष्ठता सिद्ध की है। गोवा कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, धारवाड़ द्वारा आईसीएआर–एनबीपीजीआर, नई दिल्ली
के सहयोग से आयोजित ‘अंतरराष्ट्रीय कृषि एवं पशु चिकित्सा सम्मेलन–आईसीएवीआरआई–2025’ में विश्वविद्यालय
के वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट शोध कार्यों और विद्वतापूर्ण प्रस्तुतियों के लिए
सम्मानित किया गया।
सम्मेलन में देशभर से कृषि एवं पशु चिकित्सा क्षेत्र के प्रख्यात वैज्ञानिकों,
शोधकर्ताओं और विशेषज्ञों ने भाग लिया। लुवास का प्रतिनिधित्व कुलपति प्रो. (डॉ.) विनोद
कुमार वर्मा के मार्गदर्शन में डॉ. ऋचा खिर्बट (सहायक प्रोफेसर, आईपीवीएस), डॉ. रचना
(सहायक प्रोफेसर, डेयरी विस्तार), डॉ. मोनिका (सहायक प्रोफेसर, एलपीटी) और डॉ. गुड़िया
(पीएच.डी. शोधार्थी, एलपीटी) ने किया। सभी ने अपने-अपने शोध कार्य प्रस्तुत किए और
तकनीकी चर्चाओं में सक्रिय रूप से भाग लिया।
डॉ. रचना को डेयरी क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने के लिए कौशल विकास,
डिजिटल सशक्तिकरण और विस्तार गतिविधियों पर आधारित अपने शैक्षणिक कार्यों के लिए यंग
वुमन साइंटिस्ट अवार्ड प्रदान किया गया। डॉ. मोनिका को कच्चे आम से बने पोषक तत्वों से भरपूर मिल्क कैंडी और उसकी एंटीऑक्सीडेंट
क्षमता पर आधारित अभिनव शोध प्रस्तुति के लिए यंग साइंटिस्ट अवार्ड प्रदान किया गया।
एलपीटी विभाग की पीएच.डी. शोधार्थी डॉ. गुड़िया को ‘लो कैलोरी पॉलीडेक्सट्रोज
और सहजन आधारित फंक्शनल आइसक्रीम के विकास एवं गुणवत्ता मूल्यांकन’ पर उत्कृष्ट शोध कार्य
के लिए श्रेष्ठ परास्नातक शोध प्रबंध पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सम्मानित वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कुलपति प्रो.
(डॉ.) विनोद कुमार वर्मा ने कहा कि लुवास के शोधकर्ता डेयरी एवं पशु विज्ञान क्षेत्र
में नवाचार को निरंतर गति प्रदान कर रहे हैं, जो उत्पादकता बढ़ाने, मूल्य संवर्धन को
बढ़ावा देने और ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. निलेश ने कहा कि ये उपलब्धियां शोधकर्ताओं
की कड़ी मेहनत, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और समर्पण को दर्शाती हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय
शोध आधारित विकास, नवाचार और अंतर्विभागीय सहयोग को आगे बढ़ाने के प्रयास जारी रखेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर