एलिवेटेड कॉरिडोर में प्रस्तावित छह रैंपों के विरोध में सिटीजन फोरम ने चलाया हस्ताक्षर अभियान
पूर्वी सिंहभूम, 23 नवंबर (हि.स.)। एनएच-33 पर निर्माणाधीन एलिवेटेड कॉरिडोर में प्रस्तावित छह रैंपों के खिलाफ रविवार को जमशेदपुर सिटीजन फोरम ने डिमना चौक के समीप हस्ताक्षर अभियान चलाया। संगठन का कहना है कि तीन किलोमीटर की सीमित दूरी में दोनों ओर कुल
हस्ताक्षर अभियान चलाते


पूर्वी सिंहभूम, 23 नवंबर (हि.स.)। एनएच-33 पर निर्माणाधीन एलिवेटेड कॉरिडोर में प्रस्तावित छह रैंपों के खिलाफ रविवार को जमशेदपुर सिटीजन फोरम ने डिमना चौक के समीप हस्ताक्षर अभियान चलाया। संगठन का कहना है कि तीन किलोमीटर की सीमित दूरी में दोनों ओर कुल छह रैंप बनाने की योजना स्थानीय लोगों तथा प्रतिष्ठान संचालकों के लिए भारी परेशानी और आर्थिक क्षति का कारण बनेगी। अभियान में सैकड़ों की संख्या में स्थानीय नागरिक एवं प्रभावित दुकानदार शामिल हुए।

हस्ताक्षर अभियान का नेतृत्व कर रहे पूर्व भाजपा नेता विकास सिंह ने बताया कि पारडीह से डिमना चौक के बीच एनएच-33 की दोनों दिशाओं में रैंप निर्माण की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। प्रत्येक रैंप लगभग 500 मीटर लंबा होगा, जिसके कारण रैंप के सामने पड़ने वाले मकानों और दुकानों के सामने की सड़क अत्यंत संकरी रह जाएगी।

सिंह के अनुसार इससे व्यापार पर गंभीर असर पड़ेगा और लोग अपने घर या दुकान के सामने वाहन भी नहीं खड़ा कर पाएंगे। उन्होंने दावा किया कि इस योजना से सैकड़ों लोगों को करोड़ों रुपये का नुकसान होगा।

विकास सिंह ने बताया कि पहले एनएचएआई की ओर से पारडीह से डांगा तक डबल डेकर एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव था, लेकिन बाद में इसे बदलकर सिंगल लेयर कॉरिडोर कर दिया गया। परिवर्तन के दौरान ऊपरी लेयर तो हटा दी गई, लेकिन नीचे की संरचना का नक्शा यथावत रखा गया, जिसके कारण छह बड़े रैंप शामिल रह गए।

सिंह ने आरोप लगाया कि विभाग की ओर से सड़क की वास्तविक चौड़ाई और स्थानीय परिसंपत्तियों को होने वाले नुकसान का आकलन ठीक से नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि सहाय क्लीनिक, रिपीट कॉलोनी और बालीगुमा के ठीक पहले दोनों दिशाओं में रैंप बनाकर लोगों को अनावश्यक रूप से परेशानी में डाला जा रहा है। विकास सिंह का सुझाव है कि अन्य शहरों की तर्ज पर केवल दो रैंप एक पारडीह में और दूसरा डिमना चौक के आगे बनाए जाएं, जिससे बड़े पैमाने पर होने वाले नुकसान से लोगों को बचाया जा सके।

फोरम की ओर से तैयार किया गया हस्ताक्षरयुक्त आवेदन शीघ्र ही पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी को सौंपा जाएगा, ताकि प्रशासन इस मामले में हस्तक्षेप कर समीक्षा कर सके।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक