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जम्मू, 23 नवंबर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में बहु–करोड़ रुपये के गन लाइसेंस घोटाले में शामिल आठ आईएएस अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय सक्रिय रूप से विचार कर रहा है। जम्मू, कश्मीर व लद्दाख हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश अरुण पाली और न्यायमूर्ति राजनेश ओसवाल की खंडपीठ के समक्ष यह जानकारी डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया विशाल शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय ने 26 सितंबर और 14 अक्टूबर को मांगी गई स्पष्टीकरण रिपोर्टों पर जम्मू-कश्मीर सरकार और सीबीआई दोनों ने अपने जवाब भेज दिए हैं। अब मामला गृह मंत्रालय के सक्रिय विचाराधीन है और जल्द औपचारिक निर्णय की उम्मीद है।
यह घोटाला 2012 से 2016 के बीच विभिन्न जिलों में जिला मजिस्ट्रेट रहते हुए इन अधिकारियों द्वारा कथित रूप से धन के बदले 2.74 लाख से अधिक गन लाइसेंस जारी करने से जुड़ा है। सीबीआई ने इस मामले में नौ आईएएस व 15 से अधिक जेकेएएस अधिकारियों के खिलाफ जांच की है। जबकि जम्मू-कश्मीर सरकार पहले ही जेकेएएस अधिकारियों और निचले कर्मचारियों पर अभियोजन की अनुमति दे चुकी है, आईएएस अधिकारियों के संबंध में निर्णय गृह मंत्रालय के पास लंबित था। अब मंत्रालय द्वारा जल्द निर्णय लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता