गायत्री मंत्र के जप से प्राण उर्जा सद्बुद्धि एवं सद्ज्ञान की प्राप्ति होती है : डॉ अरुण जयसवाल
सहरसा, 23 नवंबर (हि.स.)। गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया।व्यक्तित्व परिष्कार सत्र को संबोधित करते हुए डाक्टर अरुण कुमार जायसवाल ने कहा गायत्री मंत्र के जप से प्राण उर्जा बढ़ता है।सद्बुद्धि एवं सद्ज्ञान की प
डॉ अरुण जायसवाल


सहरसा, 23 नवंबर (हि.स.)। गायत्री शक्तिपीठ में रविवार को व्यक्तित्व परिष्कार सत्र का आयोजन किया गया।व्यक्तित्व परिष्कार सत्र को संबोधित करते हुए डाक्टर अरुण कुमार जायसवाल ने कहा गायत्री मंत्र के जप से प्राण उर्जा बढ़ता है।सद्बुद्धि एवं सद्ज्ञान की प्राप्ति होती है।रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

गान ज्ञान एवं ध्यान के महत्व को छात्र/छात्राओं को व्यक्तित्व परिष्कार के कक्षा में बताते हुए उन्होंने कहा-इससे मनमें संतुलन आता है।इससे मस्तिष्क तीक्ष्ण होता है। उन्होंने बताया पढ़ना क्यों जरुरी है।पढ़ाई है जीवन का सौंदर्य तथा जीवन की गहरी समझ हो जाय।गायत्री शक्तिपीठ सहरसा में व्यक्तित्व विकास कार्यक्रम व्यक्तियों को अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने में मदद करता है।यह कार्यक्रम आत्मविश्वास बढ़ाने में,और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

इस अवसर पर डी सी एल आर स्नेहा कुमारी मुज़फ़्फ़रपुर से आई उपस्थित थी।उन्‍होंने कहा जीवन में संतुलन जरूरी है,यहां का माहौल अलग है।शक्ति का ईस्तेमाल अच्छे काम के लिए करना चाहिए। पटना से आए पंजाब नेशनल बैंक के मेनेजर चांदनी अपने बेटी लोपामुद्रा के उपनयन संस्कार के लिए उपस्थित थी।उन्होंने सत्र को संबोधित करते हुए कहा-जीवन में सफलता के लिए श्रद्धा और अनुशासन जरूरी है।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार