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मंदसौर, 23 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मंदसौर में 63वें भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव मेला में शनिवार की रात्रि को नपा परिषद के द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। रात्रि 9.30 बजे से देर रात्रि तक आयोजित हुए इस कवि सम्मेलन को श्रवण करने के लिये बड़ी संख्या में श्रोतागण मेला के सांस्कृति मंच पर पहुंचे और उन्होंने कवि सम्मेलन का आनंद लिया। इस कवि सम्मेलन में देश के ख्याति प्राप्त कविगण जगदीश सौलंकी, बुद्धिप्रकाश दाधिच, जानी बैरागी, मदनमोहन समर, दीपक पारिख भीलवाड़ा, श्वेतासिंह (गौरखपुर उ.प्र.), पंकज प्रसुन्न (माण्डव म.प्र.), गोपाल धुरंधर (नीमच), राम भदावर, एवं मुन्ना बेटरी (मंदसौर- कवि सम्मेलन सूत्रधार) ने कविता पाठ किया। पधारे हुए इन सभी कविगणों एवं अतिथिगणों का स्वागत नपाध्यक्ष रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, उपाध्यक्ष नम्रता चावला, मेला सभापति प्रतिभा विक्रम भैरवे एवं मेला समिति सदस्यों एवं पार्षदां ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भजपा मंदसौर संभाग प्रभारी सुरेश आर्य, राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य अनिल कियावत, शामिल हुए। इन सभी अतिथियों का भी स्वागत किया गया। कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए बुद्धिप्रकाश दाधिच ने अपनी चिर परिचित अंदाज में सभी कवियों का परिचय कराते हुए खुब हसाया। कवित्री श्वेतासिंह ने मॉ सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की। गोपाल धुरंधर ने मालवी भाषा में लाकडाउन के फायदे गिनाते हुए हास्य व्यंग किया लाकडाउन में मूंह पर मास्क लगाने से दांतलिये (जिन के दात होठ से बाहर हो) ने भी पनी गया (शादी हो गई), गौरव चौहान ने वीर रस की ऐसी कविताये पड़ी कि श्रोताओं का रक्त संचार (जोश) बड़ गया। मुन्ना बेटरी ने भी हास्य व्यंगों से खुब गुदगुदाया।
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हिन्दुस्थान समाचार / अशोक झलोया