Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

राजगढ़, 21 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के राजगढ़ स्थित शासकीय अग्रणी महाविद्यालय के तत्वावधान में शुक्रवार को जलवायु परिवर्तन और जैव विविधताः समकालीनयुग में विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा विभाग भोपाल डाॅ. मथुराप्रसाद रहे, जिन्होंने आनलाइन माध्यम से अपने उद्बोधन में जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस राष्ट्रीय वेबीनार में देश के करीब 38 प्राध्यापकगण और शोधार्थियों द्वारा शोध प्रस्तुत किए गए साथ ही 192 प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया। वेबीनार में बड़ी संख्या में आनलाइन व आफलाइन के माध्यम से विद्यार्थी सम्मिलित रहे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ.वीबी.खरे ने की। उन्होंने अपने संबोधन में जैव विविधता की वर्तमान प्रांसगिकता और जलवायु परिवर्तन के दूरगामी परिणाम पर विस्तृत चर्चा की। वेबीनार के प्रथम सत्र में विशेष वक्ता डाॅ. मोहम्मद शब्बीर ने हिमालय ग्लेशियर, स्थानीय वनस्पति, जंतुओं पर जलवायु परिवर्तन के परिणाम पर शोध आधारित विचार साझा किए।
द्वितीय सत्र में नोट स्पीकर डाॅ.रामयश प्रजापति सहायग प्राध्यापक भूगोल ने अपने व्याख्यान में ग्लोबल वार्मिंग तथा उसके परिणाम एवं प्रबंधन, जैव विविधता पर परिलक्षित परिणाम सारगर्भित विचार रखे। विशेष आमंत्रित सदस्य डाॅ. सीपी.बांगे ने जलवायु परिवर्तन पर अपने विचार प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में डाॅ.सुभाषकुमार दांगी, डाॅ.लुकमान मंसूरी, डाॅ.सुनीता साहू, डाॅ.जया मोदी ने तकनीकी संचालन की जिम्मेदारी कुशलता से निभाई। इस अवसर पर डाॅ.रजनी खरे, डाॅ.मंगलेश सोलंकी, डाॅ. सीमासिंह, डाॅ.शैलेन्द्र मेवाड़े, डाॅ.अखिलेश राय और संतोष खरे सहित अन्य संकाय सदस्य आॅफलाइन के माध्यम से मौजूद रहे।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / मनोज पाठक