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रामगढ़, 21 नवंबर (हि.स.)। झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश पर शहर के थाना चौक स्थित 3.30 एकड़ भूमि की 2 वर्ष पूर्व विस्तृत जांच की गई थी। जांच में यह स्पष्ट हुआ था कि वजिरूद्दीन सिद्दकी फर्जी दस्तावेज पर थाना चौक पर स्थित तालाब की भूमि को हड़पना चाहता है। जांच के दौरान सभी दस्तावेज जाली मिले थे। जानकारी के अनुसार वर्ष 2023 में हाई कोर्ट ने वजिरूद्दीन सिद्दकी को सीधे अंचल अधिकारी के समक्ष जमीन के मूल दस्तावेज के साथ प्रस्तुत होने का निर्देश दिया था। उस निर्देश पर वजिरूद्दीन सिद्दकी ने 15 मई 2023 को अंचल कार्यालय में आवेदन समर्पित किया था। सभी दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के लिए कार्यवाहक सहायक को निर्देश दिया गया था। साथ ही राजस्व उप निरीक्षक, अंचल अमीन और अंचल निरीक्षक से जमीन का भौतिक सत्यापन भी कराया गया। मौजा रामगढ़ के खाता संख्या 286, प्लॉट संख्या 210, रकबा 55 डिसमिल है।
वजिरूद्दीन सिद्दकी ने प्रस्तुत किए थे दर्जनों दस्तावेज
वजिरूद्दीन सिद्दकी ने अनिबंधित डीड 27 अप्रैल 1945 का अंचल अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया था। इसके अलावा वर्ष 1975-76 में हुए शुद्धि पत्र, दाखिल खारिज, ऑनलाइन पंजी 2 की प्रति, ऑफलाइन लगान रसीद, ऑनलाइन लगान रसीद के अलावा कई दस्तावेज प्रस्तुत किए थे।
सरकारी रिकॉर्ड से नहीं मेल खाया एक भी दस्तावेज
जांच के दौरान कार्यवाहक सहायक ने वजिरूद्दीन सिद्दकी की ओर से उपलब्ध कराए गए लगान रसीद का मिलान कार्यालय में उपलब्ध 3 ए पंजी और शुद्धि पत्र का मिलन अभिलेखागार में जमा पंजी 27 से किया गया। वजिरूद्दीन सिद्दकी की ओर से प्रस्तुत लगान रसीद संख्या 192535, 25 मार्च 2010, शेख अब्दुल समद के नाम से जारी की गई है। वहीं 23 ए के अनुसार लगान रसीद संख्या 192535, पतरातू मौजा के वीरेंद्र नारायण सिंह के नाम से जारी है। इसमें पाया गया कि दाखिल खारिज जगरनाथ बेदिया पिता हराधन बेदिया के नाम से दर्ज है। इसलिए कार्यालय अभिलेख पंजी के अनुसार वजिरूद्दीन सिद्दकी की ओर से प्रस्तुत लगान रसीद तथा शुद्धि पत्र को जाली करार दे दिया गया।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश