सोनभद्र खनन हादसे की जांच कर रही एसआईटी ने चार लाेगाें काे किया गिरफ्तार
सोनभद्र, 21 नवंबर (हि.स.)। ओबरा थाना क्षेत्र में 15 नवंबर को पहाड़ी धसकने से हुए खनन हादसा और सात मजदूरों के शव मिलने के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच कर रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को एसआईटी ने चार लाेगाें काे गिरफ्तार किया है। पुलिस अ
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सोनभद्र, 21 नवंबर (हि.स.)। ओबरा थाना क्षेत्र में 15 नवंबर को पहाड़ी धसकने से हुए खनन हादसा और सात मजदूरों के शव मिलने के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच कर रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को एसआईटी ने चार लाेगाें काे गिरफ्तार किया है।

पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया की 15 नवंबर को बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में कृष्णा माइनिंग वर्क्स के पत्थर खदान में ड्रिलिंग के दौरान पहाड़ी का बड़ा हिस्सा ढह गया था। इसके नीचे दबकर 7 मजदूरों की जान गई थी। इस संबंध में थाना ओबरा पर मुकदमा दर्ज किया गया। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया। अब कार्रवाई भी शुरू कर दी गई हैं। एसपी ने बताया कि जांच के बाद एसआईटी ने पत्थर खदान में के कार्यरत माइन्स मैनेजर अनिल कुमार झा, माइन्स स्टाफ अजय कुमार, गौरव सिंह और माइन्स मेठ चन्द्रशेखर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है।

एसपी ने बताया की माइन्स मैनेजर की नियुक्ति खान सुरक्षा निदेशक लखनऊ से किया जाता है। माइन्स मैनेजर खनन क्षेत्र के खनन कार्य, सुरक्षा व जोखिम की पुरी रिपोर्ट खान सुरक्षा निदेशक को भेजते हैं। इन्होंने खदान में ड्रिलिंग एवं विस्फोटक मानकों में हो रही अनियमितताओं की जानकारी खान सुरक्षा निदेशक लखनऊ को नहीं दिया गया।

एसपी ने बताया की मजदूरों के नीचे खदान में कार्य से मना करने के बावजूद खदान मालिक व ठेकेदारों के दबाव में उन्हें काम करने के लिए कहा गया। माइन्स मैनेजर एवं मेट ने इस गंभीर जोखिम की जानकारी न तो अपने उच्चाधिकारियों को दी और न ही कार्य को रोकने का प्रयास किया।

एसआईटी जांच में यह भी पाया गया कि मानक से अधिक ड्रिलिंग किए जाने के कारण खदान की संरचना कमजोर हो गई, जिसके परिणामस्वरूप पत्थर का विशाल हिस्सा अचानक ढह गया और उसके नीचे दबकर 07 मजदूरों की मृत्यु हो गई। जनपद पुलिस द्वारा इस प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पीयूष त्रिपाठी