आदिवासी सरना बचाव महारैली के संयोजक रामपहान बांडो ने धर्मांतरण पर जताई चिंता
रांची, 21 नवंबर (हि.स.)। आदिवासी सरना बचाव महारैली के संयोजक रामपहान बांडो ने रांची के चांद गांव में वर्षभर से चल रही चंगाई सभाओं और राज्यभर में हो रहे कथित अवैध धर्मांतरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। राची के धुर्वा स्थित सरना अखड़ा में शुक्रवार
रामपहान बांडो, सोमा उरांव समेत अन्‍य की तस्‍वीरें


प्रेस वार्ता में शामिल सोमा उरांव समेत अन्‍य की फोटो


रांची, 21 नवंबर (हि.स.)। आदिवासी सरना बचाव महारैली के संयोजक रामपहान बांडो ने रांची के चांद गांव में वर्षभर से चल रही चंगाई सभाओं और राज्यभर में हो रहे कथित अवैध धर्मांतरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

राची के धुर्वा स्थित सरना अखड़ा में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में रामपहान बांडो ने कहा कि अगर सरना समाज समय रहते नहीं जागा, तो अंग्रेजों के जाने के बाद बचे-खुचे चर्च पादरी और कुछ ईसाई संगठन आदिवासी सरना समुदाय की परंपराओं को समाप्त कर देंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि चर्च और मिशनरी संस्थाएं झारखंड के भोले-भाले आदिवासियों और मूलवासियों को कमजोर समझकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रही हैं।

रामपहान बांडो ने बताया कि 23 नवंबर को हजारों सरना धर्मावलंबियों का महाजुटान चांद गांव में होगा। सभी लोग पहले दशमाइल गांव जाएंगे और फिर परंपरागत तीर-धनुष तथा अन्य हरवे-हथियारों के साथ चांद गांव स्थित प्रार्थना स्थल पहुंचेंगे। महारैली के बाद पूरे राज्य में लोगों को धर्मांतरण रोकने के लिए जागरूक किया जाएगा।

महारैली की संयोजक मेघा उरांव ने कहा कि झारखंड में अवैध धर्मांतरण के खिलाफ कानून होने के बावजूद सरकार के संरक्षण में चंगाई सभाओं का आयोजन हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यभर में गरीबों को बहला-फुसलाकर धर्मांतरण करवाया जा रहा है।

सोमा उरांव ने कहा कि कुछ मिशनरी संस्थाएं उनकी टीम पर ही सौहार्द बिगाड़ने का गलत आरोप लगा रही हैं। चांद गांव को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम को उन्होंने निराधार बताया। उन्होंने कहा कि सरना समुदाय अब अपने अधिकारों और आरक्षण को बचाने के लिए पूरी तरह सजग और सतर्क है तथा चंगाई सभा के नाम पर चल रहे अवैध धर्मांतरण को किसी भी हाल में रोकना जरूरी है।

संवाददाता सम्मेलन में रामपहान बांडो, सोमा उरांव, मेघा उरांव, शनि टोप्पो समेत अन्य लोग भी मौजूद थे।---------

हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar