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-ग्रेप-3 लागू होने
पर उद्योगों में सघन निरीक्षण अभियान शुरू
-उपायुक्त व डीसीपी
की अगुवाई में 19 टीमें सक्रिय
-अनियमित पाए जाने
पर सीलिंग, जुर्माना व कनेक्शन कटौती की तैयारी
सोनीपत, 21 नवंबर (हि.स.)। जिला सोनीपत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण की
गंभीर स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने शुक्रवार काे बड़े पैमाने पर छापेमारी और निरीक्षण
अभियान चलाया। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों तथा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड द्वारा लागू ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप-3) की पालना सुनिश्चित करने
के उद्देश्य से की गई। जिला अधिकारियों के अनुसार सांयकाल तक 140 से अधिक औद्योगिक
प्रतिष्ठानों की जांच की जा चुकी थी और अभियान लगातार जारी है।
उपायुक्त सुशील सारवान और डीसीपी नरेन्द्र कादियान के नेतृत्व
में जिले के चारों उपमंडलों के एसडीएम की अगुवाई में कुल 19 संयुक्त टीमें गठित की
गईं, जिनमें 55 से अधिक वरिष्ठ अधिकारी तथा पर्याप्त पुलिस बल शामिल रहा। राई रेस्ट
हाउस में सुबह सात बजे अस्थायी नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया, जहाँ से सभी टीमों
की गतिविधियों की पल-पल की जानकारी ली जाती रही।
टीमों ने राई, बडी, गन्नौर, कुंडली, मुरथल, नाथुपुर, खरखौदा,
बहालगढ़ और गोहाना रोड आदि क्षेत्रों में उन सभी इकाइयों का निरीक्षण किया, जिन पर
प्रदूषण फैलाने की आशंका थी या जो निर्धारित मानकों का पालन नहीं कर रही थीं। निरीक्षण
के दौरान प्रदूषण नियंत्रण यंत्रों की कार्यप्रणाली, स्वच्छ ईंधन (पीएनजी/सीएनजी) के
उपयोग, उत्सर्जन मानकों की पालना, धूल नियंत्रण उपाय, अपशिष्ट जल एवं कचरा प्रबंधन
जैसी सभी अनिवार्य प्रक्रियाओं की जांच की गई। जहां भी अनियमितताएँ मिलीं, उनकी विस्तृत
रिपोर्ट तैयार कर कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट को भेजी गई है। प्रशासन ने स्पष्ट
किया है कि नियमानुसार सीलिंग, बिजली कनेक्शन कटौती, भारी जुर्माना तथा अन्य दंडात्मक
कार्रवाई सिफारिश के साथ लागू की जाएगी।
उपायुक्त सुशील सारवान ने कहा कि बढ़ते वायु प्रदूषण की स्थिति
अत्यंत चिंताजनक है और किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया
कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 401 से 450 के बीच गंभीर श्रेणी में पहुंचने के
कारण एनसीआर में ग्रेप-3 लागू किया गया है। सोनीपत में भले ही एक्यूआई 300 से 400 के
बीच बहुत खराब रहा, लेकिन क्षेत्रीय प्रभाव को देखते हुए सभी औद्योगिक और निर्माण संबंधी
प्रतिबंध अनिवार्य रूप से लागू किए गए हैं। उपायुक्त ने कहा कि लक्ष्य केवल तात्कालिक राहत नहीं, बल्कि
दीर्घकालिक स्वच्छ वायु सुनिश्चित करना है। किसी भी उद्योग द्वारा नियमों का उल्लंघन
पाए जाने पर कठोर कार्रवाई निश्चित है।
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना