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सूरजपुर, 21 नवंबर (हि.स.)। कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देशन में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत जिले में धान खरीद की प्रक्रिया व्यवस्थित रूप से जारी है। इस बीच प्रशासन ने किसानों को राहत देते हुए बताया है कि जिन किसानों के खसरा नंबर एग्रीस्टैक पोर्टल में दर्ज नहीं हो पाए हैं, वे अपने नज़दीकी लोक सेवा केंद्र या च्वाइस सेंटर में जाकर छूटे हुए खसरों को शामिल करवा सकते हैं। जानकारी अपडेट होने के बाद किसान अपने कुल पंजीकृत रकबे के अनुसार धान विक्रय कर सकेंगे।
धान उपार्जन से जुड़ी शिकायतों और सुझावों के लिए खाद्य विभाग का टोल-फ्री नंबर 1800-233-3663 जारी है। वहीं जिले में अपर कलेक्टर की अध्यक्षता में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर एवं कॉल सेंटर की स्थापना की गई है, जो धान की रीसाइक्लिंग रोकने, बिचौलियों की गतिविधियों पर नजर रखने और धान परिवहन की निगरानी कर रहा है। जिले का कॉल सेंटर 07775-266116 पर संचालित है।
अब तक जिले में 10,180 क्विंटल धान की खरीद की जा चुकी है। शासन ने किसानों को रकबा सुधार, नए पंजीयन और कैरी फॉरवर्ड के लिए अंतिम अवसर देते हुए 19 से 25 नवंबर तक तहसीलदार मॉड्यूल के माध्यम से सुधार का विकल्प उपलब्ध कराया है। खाद्य विभाग ने किसानों से अपील की है कि वे अपने पंजीकृत रकबे की जांच कर समय पर सुधार अवश्य करा लें।
सरकार ने इस वर्ष किसानों को टोकन प्रदाय के लिए विशेष व्यवस्था की है। 2 एकड़ तक के किसानों को एक टोकन, 2 से 10 एकड़ तक के किसानों को 2 टोकन, 10 एकड़ से अधिक रकबा वाले किसानों को 3 टोकन मिलेगा।
किसान उपार्जन केंद्र में जाकर या टोकन तुहर हाथ मोबाइल ऐप के माध्यम से स्वयं भी टोकन प्राप्त कर सकते हैं। यह ऐप गूगल प्ले स्टोर में उपलब्ध है।
प्रशासन ने किसानों को सलाह दी है कि समिति में धान लाते समय उसे अच्छी तरह सुखाकर लाएं, ताकि नमी 17% से अधिक न हो। साथ ही धान परिवहन के दौरान टोकन, ऋण पुस्तिका और आधार कार्ड अनिवार्य रूप से साथ रखें। जिला प्रशासन ने किसानों से सहयोग की अपील करते हुए कहा है कि सभी किसान प्रशासनिक नियमों का पालन कर समय पर धान विक्रय प्रक्रिया पूर्ण करें।
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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय