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जोधपुर, 20 नवम्बर (हि.स.)। आज बाजार में मिलावटी डेयरी उत्पादों की भरमार है, ऐसे में मारवाड़ के किसान अगर दूध का मूल्य संवर्धन कर विश्वसनीय उत्पाद बाजार तक पहुंचाए तो निश्चित रूप से अधिक से अधिक लोग जुड़ेंगे, क्योंकि वर्तमान में लोग अधिक दाम देकर भी शुद्ध चीज खरीदना पसंद कर रहे हैं। यह बात कृषि विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो डॉ. वीएस जैतावत ने कही। प्रोफेसर जैतावत कृषि विश्वविद्यालय के किसान कौशल विकास केंद्र में चल रहे सात दिवसीय डेयरी फार्मिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे।
उन्होंने किसानों को कहा कि अपने स्वयं की डेयरी खोले, विश्वसनीय उत्पाद बनाएं तथा मार्केटिंग करें, बाजार स्वयं आपके दरवाजे पर आएगा। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित कृषि विश्वविद्यालय कोटा के पूर्व कुलगुरु, डॉ जेड एस सोलंकी ने कहा कि एकीकृत खेती अपनाएं, इससे किसानों को दोहरा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त कर अगर डेयरी व्यवसाय वैज्ञानिक तरीके से करें तो किसानों को आर्थिक तरक्की मिलेगी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद केयर्न इंडिया के सीएसआर हैड डॉ विशाल अग्रवाल ने कहा कि किसान सहकारी समिति से जुड़ें, इससे बेहतरीन मार्केटिंग के साथ आर्थिक सशक्तिकरण व सामुदायिक विकास होता है। उन्होंने कृषि व पशुपालन से प्राप्त उत्पादों के अधिकाधिक मूल्य संवर्धन की बात कही। इस दौरान किसान कौशल विकास केंद्र के प्रभारी, डॉ प्रदीप पगारिया ने स्वागत उद्बोधन देते हुए बताया कि सात दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान मॉडर्न डेयरी स्थापना, दूध के मूल्य संवर्धित उत्पाद बनाना, पैकेजिंग, मार्केटिंग, डेयरी क्षेत्र में सरकारी योजनाएं सहित अन्य विषयों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण पुस्तिका का विमोचन
इस दौरान अतिथियों ने प्रशिक्षण पुस्तिका का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी डॉ प्रियंका स्वामी ने प्रशिक्षण से अधिक से अधिक लोगों से जुडऩे की बात कहते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ स्वामी ने सूरज सा तेज नहीं, पर दीपक सा जलता देखोगे कविता के माध्यम से किसानों को प्रेरित किया। कार्यक्रम में मंच संचालन नीलिमा मकवाना ने किया। इस दौरान प्रशिक्षण अधिकारी, डॉ मनीष बेड़ा, अनिल यादव सहित केयर्न से प्रिया व नेमाराम भी मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश