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टाेक्याे, 20 नवंबर (हि.स.)। जापान में दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु संयत्र 'ताकाहामा परमाणु ऊर्जा संयत्र' जल्द ही दाेबारा चालू हाेगा। फुकुई प्रांत स्थित यह दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, जिसकी कुल क्षमता 8,212 मेगावाट है लेकिन इसे साल 2011 में फुकुशिमा हादसे के बाद बंद कर दिया गया था।
फुकुई प्रांत के गवर्नर तात्सुजी सुगिमोतो ने प्रांतीय विधानसभा में गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि वह कंसाई इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के इस संयत्र की इकाई 01 और 02 काे फिर से शुरू करने की अंतिम मंजूरी देंगे।
उन्हाेंने कहा, “हमने सुरक्षा मानकों की कड़ी समीक्षा की है और नए नियामक मानदंड पूरे हो चुके हैं। मैं जल्द इसे दोबारा चालू करने की मंजूूरी दूंगा।” अगले कुछ दिनों में औपचारिक तौर पर इसका फैसला ले लिया जाएगा।
ताकाहामा संयंत्र की इन दाेनाें इकाइयाें काे साल 2011 के फुकुशिमा हादसे के बाद बंद कर दिया गया था। उस समय रिक्टर पैमाने पर 09 तीव्रता वाले भूंकप के कारण 15 मीटर तक उठी सुनामी की लहराें ने फुकुशिमा परमाणु संयत्र काे जलमग्न कर दिया था। इसके 06 में से 03 रिएक्टराें में विस्फाेट हाेने से भारी मात्रा में रेडियाे एक्टिव पदार्थ हवा और समुद्र में फैल गए। हालांकि सीधी रेडिएशन से किसी की माैत नहीं हुई लेकिन रेडियाे एक्टिव पदार्थाें के संपर्क में आने से हजाराें लाेग थायराइट कैंसर और अन्य बीमारियाें के शिकार बने। आज भी इसके आसपास 20 किलाेमीटर प्रतिबंधित क्षेत्र है। हादसे के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री नाओताें कान ने देश के सभी 54 परमाणु रिएक्टराें काे बंद करने का आदेश दिया था।
फुकुई प्रांत के गवर्नर तात्सुजी सुगिमोतो ने बताया कि ताकाहामा संयत्र के दोनों रिएक्टरों के 20 साल से अधिक पुराना होने के बावजूद उन्हें 20 साल तक के अतिरिक्त समय तक चालू रखने की अनुमति मिल गई है। देश की न्यूक्लियर रेगुलेशन अथॉरिटी (एनआरए) ने पिछले साल इनकी सुरक्षा को मंजूरी दी थी।
जापान सरकार ने साल 2030 तक परमाणु ऊर्जा की भागीदारी 20-22% तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में देश में सिर्फ 12 रिएक्टर ही चालू हालत में हैं। ताकाहामा के दो रिएक्टर चालू होने के बाद यह संख्या 14 हो जाएगी।
हालांकि स्थानीय मछुआरों और पर्यावरण संगठनों ने इसे लेकर विरोध जताया है लेकिन प्रांतीय सरकार का कहना है कि सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और आपातकालीन निकासी योजनाएं भी उन्नत कर दी गई हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल