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रांची, 20 नवंबर (हि.स.)। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अजय साह ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग में 75 करोड़ का “आधार स्कैम” हुआ है।गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अजय साह ने कहा कि पिछले दो वर्षों में शिक्षा विभाग और एमकेएस एंटरप्राइज के गठजोड़ के चलते आधार कार्ड निर्माण से जुड़ा लगभग 75 करोड़ रुपये का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। टेंडर की मूल प्रति, एजेंसी को जारी वर्क ऑर्डर, जेईपीसी निदेशक के तीन आधिकारिक पत्र और आरटीआई से प्राप्त सूचनाएं स्पष्ट रूप से दिखाती हैं कि छात्रों से आधार एनरोलमेंट या बायोमेट्रिक अपडेट के लिए किसी भी प्रकार की फीस नहीं ली जानी थी। प्रति छात्र 50 रुपये का भुगतान सरकार द्वारा जेईपीसी को किया जाना था, जिसे आगे एजेंसी को दिया जाना था।अजय साह ने कहा कि जेईपीसी के संरक्षण में एमकेएस एंटरप्राइज ने पिछले दो वर्षों में स्कूलों में व्यापक अवैध वसूली की। 250 ब्लॉक रिसोर्स सेंटर्स में प्रतिदिन औसतन 2,000 रुपये की उगाही होती रही। इसी आधार पर करीब 36 करोड़ रुपये छात्रों से गैरकानूनी रूप से वसूले गए। इतना ही नहीं, आधार एनरोलमेंट के नाम पर केंद्र सरकार से भी लगभग इतनी ही राशि ली गई। इसके अलावा एजेंसी ने राज्यभर के लगभग 500 “आधार सुपरवाइजर” से ‘सिक्योरिटी मनी’ के नाम पर करीब 2.5 करोड़ रुपये की और वसूली की। इन सभी आंकड़ों को जोड़ने पर घोटाले की कुल राशि लगभग 75 करोड़ रुपये तक पहुंचती है।अजय साह ने यह भी आरोप लगाया कि जेईपीसी और एजेंसी की मिलीभगत सिर्फ अवैध वसूली तक सीमित नहीं रही, बल्कि आधार सुपरवाइजर्स का खुला शोषण भी हुआ। नौकरी देने के नाम पर पहले 50–50 हजार रुपये वसूले गए और जब सुपरवाइजर्स ने अपनी बकाया सैलरी की मांग की तो उन पर उल्टा लाखों रुपये का जुर्माना थोपकर उन्हें धमकाया गया।उन्होंने कहा कि एमकेएस एंटरप्राइज बिहार और बंगाल में भी फर्जी आधार कार्ड बनाने की गतिविधियों में शामिल है और इसकी गहन जांच आवश्यक है। इसके अलावा यह मामला करोड़ों रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग से भी जुड़ा हुआ है, जिसकी जांच अपरिहार्य है। भाजपा ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच, जेईपीसी की भूमिका की स्वतंत्र जांच और एमकेएस एंटरप्राइज को तत्काल ब्लैकलिस्ट करने की मांग की है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे