जिले में 2.11 लाख रैयतों आवेदन लंबित, अधिकारी बोले 6 माह के अंदर किया जाएगा निष्पदान
गोपालगंज, 20 नवंबर (हि.स.)। जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राजस्व महाअभियान के तहत आयोजित शिविरों में आए 2 लाख 11 हजार 517 आवेदनों के निष्पदान करने के लिए लंबित है। जिसमें उताधिकार, बढ़वारा आधारित, परिमर्जन और छुट्टी हुई जमाबंदी के लिए जिले के 14
बैठक करते अधिकारी


गोपालगंज, 20 नवंबर (हि.स.)। जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राजस्व महाअभियान के तहत आयोजित शिविरों में आए 2 लाख 11 हजार 517 आवेदनों के निष्पदान करने के लिए लंबित है। जिसमें उताधिकार, बढ़वारा आधारित, परिमर्जन और छुट्टी हुई जमाबंदी के लिए जिले के 14 प्रखंड के रैयतों ने विधान सभा चुनाव के पूर्व राजस्व विभाग के विशेष शिविरों में आम लोगों ने आवेदन दिया था। जिसका निष्पदान सरकार बनाने के साथ ही राजस्व विभाग ने कार्यो में तेजी लाने का आदेश जारी किया है।

डीएम पवन कुमार सिन्हा ने बताया कि जिले में 8 लाख 96 हजार 227 जमाबंदी है। जिसमें से 7 लाख 75 हजार 624 जमाबंदी रैयतों के बीच वितरण किया गया है। सभी प्रखंडों के आंकड़े दर्शाते हैं कि राजस्व विभाग के विशेष शिविरों में आम लोगों की भागीदारी बढ़ी है और अधिकारी व कर्मी की टीमों ने पंजीकरण और आवेदन लिया।इसी आधार पर लंबित मामलों के निस्तारण के लिए चलाए गए अभियान में बड़ी संख्या में आवेदन आए। जिला स्तर पर आज 7,970 मामलों का भौतिक सत्यापन, जबकि 4,339 मामलों का ऑनलाइन सत्यापन किया गया। इसके अलावा 12,391 नए प्रमाणपत्र निर्गत किए गए, जिससे कुल आंकड़ा बढ़कर 2,11,517 हो गया।गोपालगंज सदर, मांझा, सिद्दवलिया, कुचायकोट, थावे, बैकुंठपुर, उचकागांव, फुलवरिया, बरौली, कटया, विजयीपुर, हथुआ और नोनिया जैसे सभी प्रखंडों में शिविरों में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे।

गोपालगंज प्रखंड में 13635,आवेदन, मांझा में 13706, बैकुंठपुर में 16744, कुचायकोट में 33073 प्रमाणपत्र । बरौली में 14317, फुलवरिया में 12093, थावे में 13098 और कटेया में 11514 आवेदन शिविरों में आया। जिला प्रशासन द्वारा ऑनलाइन सत्यापन और सेवा देने की प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सशक्त बनाए जाने का असर भी प्रतिवेदन में साफ दिखा। आज 1,86,524 ऑनलाइन सत्यापन किए गए है।राजस्व कर्मियों और प्रखंड स्तरीय अधिकारियों की तैनाती के साथ शिविरों में पंजीकरण, सत्यापन और निर्गमन की कार्यवाही बिना बाधा जारी रही।

कई प्रखंडों के लोगों ने बताया कि पहले की तुलना में काम आसान हुआ है। जिला पदाधिकारी की पहल पर शुरू किए गए इस राजस्व महाअभियान का उद्देश्य वर्षों से लंबित मामलों का निस्तारण, ग्रामीणों को उनके अधिकारिक प्रमाणपत्र समय पर उपलब्ध कराना और सेवाओं को घर–घर तक पहुंचाना है। प्रशासन का कहना है कि अगले कुछ दिनों में यह अभियान और तेज किया जाएगा, ताकि जिले में किसी भी नागरिक को अपने जमीन संबधी काम के लिए भटकना न पड़े। आंकड़े बताते हैं कि यह अभियान जनता के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हो रहा है। जिला प्रशासन का दावा है कि 6 माह के अंदर लंबित मामलों में बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / Akhilanand Mishra