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कोरबा, 20 नवंबर (हि. स.)। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान खरीद की व्यापक और व्यवस्थित तैयारियों ने जिले भर में उत्साह का माहौल बना दिया है। धान खरीद केंद्रों में इस वर्ष किसानों की विशेष सक्रियता देखी जा रही है। तौल से लेकर भुगतान तक की संपूर्ण प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा सभी प्रबंध समय रहते सुनिश्चित किए गए हैं। किसानों की सुविधा को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य स्तर से लेकर जिले के प्रत्येक धान उपार्जन केंद्र तक सभी व्यवस्थाएँ मजबूत की गई हैं।
इस वर्ष धान खरीद का सबसे बड़ा आकर्षण मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में घोषित 3100 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य है। मुख्यमंत्री साय की इस ऐतिहासिक घोषणा ने किसानों में नया जोश और उत्साह भरा है। समर्थन मूल्य में वृद्धि से किसानों को न केवल आर्थिक मजबूती मिली है, बल्कि खेती को लाभकारी और स्थायी बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम सिद्ध हुआ है। इसी सकारात्मक माहौल के बीच कोरबा जिले के ग्राम तिलकेजा के युवा किसान राहुल सिंह सफलता और उत्साह का प्रेरणादायक उदाहरण बनकर सामने आए हैं। मात्र एक एकड़ भूमि में खेती करने वाले राहुल ने पिछले वर्ष 10 क्विंटल धान का विक्रय किया था। इस वर्ष भी उनकी फसल अच्छी हुई और वे बेहद उत्साहित है। पिताजी के निधन के बाद उन्होंने अपनी माता के साथ खेती की जिम्मेदारी संभाली है। सीमित संसाधनों के बावजूद राहुल खेती को आगे बढ़ाने की निरंतर कोशिश कर रहे हैं, और राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों ने उनके सपनों को नई दिशा दी है।
राहुल बताते हैं “सरकार द्वारा 3100 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य मिलना हम किसानों के लिए बहुत बड़ा सहारा है। इससे खेती को जारी रखना आसान होता है और आर्थिक मजबूती भी मिलती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह निर्णय वाकई किसानों के जीवन में बदलाव ला रहा है।” वे बताते हैं कि धान बेचने से प्राप्त राशि का वे उपयोग कृषि कार्यों को आगे बढ़ाने और घरेलू जरूरतों को पूरा करने में करते हैं। इससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है और कृषि कार्यों में उनका उत्साह भी बढ़ा है।
सहकारी समिति में मिल रही सुविधाओं के संबंध में राहुल सिंह अत्यंत संतुष्ट दिखाई दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष भी व्यवस्थाएँ बेहतर और सुव्यवस्थित हैं। किसानों के लिए पेयजल, बैठने की व्यवस्था और तौल प्रक्रिया की पारदर्शिता जैसे प्रबंधों ने धान विक्रय को सहज और सुगम बना दिया है। समिति के कर्मचारी लगातार सहयोग करते हैं और किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होती है।
हिन्दुस्थान समाचार/हरीश तिवारी
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हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी