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भुवनेश्वर, 20 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग ओडिशा सरकार के सहयोग से गुरुवार को भुवनेश्वर स्थित राजस्व अधिकारी प्रशिक्षण संस्थान (आरओटीआई) में राष्ट्रीय बाल अधिकार सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा बाल अधिकार से जुड़े प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
सम्मेलन में शामिल प्रमुख अधिकारियों में अतिरिक्त सचिव, स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग जदुमणि महाला, ओडिशा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (ओएससीपीसीआर) की अध्यक्ष बबीता पात्र, ओएसइपीए की एडीजी संगीता बेहेरा, एनसीपीसीआर की प्रमुख अनुसंधान एवं तकनीकी विशेषज्ञ डॉ. मधुलिका शर्मा, आरओटीआई के संयुक्त निदेशक मनोज पात्रा और ओएसइपीए के संयुक्त निदेशक डॉ. संतोष कुमार राउत प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इसके अलावा ओएसइपीए, जिला प्रशासन, एडीईओ, मानसिक स्वास्थ्य अधिकारियों, डीसीपीओ और एसएमसी/पीटीए सदस्यों ने भी भाग लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए ओएससीपीसीआर अध्यक्ष बबीता पात्र ने स्कूल ड्रॉपआउट रोकने, मौसमी छात्रावासों के माध्यम से बाल प्रवासन पर नियंत्रण रखने तथा महिला एवं बाल विकास विभाग और स्कूल एवं जन शिक्षा विभाग के बीच समन्वय मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने बाल विवाह और बाल श्रम को समाप्त करने के लिए परामर्श एवं सामुदायिक सहभागिता को अत्यंत आवश्यक बताया।
आरओटीआई के संयुक्त निदेशक मनोज पात्र ने जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों को बाल अधिकारों के लिए गंभीर चुनौती बताया और पोषण, खेल तथा समग्र विकास पर जन-जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
अतिरिक्त सचिव जदुमणि महाला ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार हर बच्चे को स्कूल में बनाए रखने और शिशु वाटिका जैसी पहलों के माध्यम से मजबूत आधारभूत शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो