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—समिति की उच्चस्तरीय बैठक में विभिन्न प्रश्नों की सदस्यों ने ली जानकारी,यूपीसीडा के अधिकारी के अनुपस्थित रहने पर जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगने का दिया निर्देश
वाराणसी, 20 नवम्बर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश विधान परिषद की नियम पुनरीक्षण समिति की उच्चस्तरीय बैठक गुरुवार को सर्किट हाउस सभागार में आयोजित की गई। समिति के कार्यवाहक सभापति हरिओम पांडेय की अध्यक्षता में हुई बैठक में विभिन्न विभागों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। खासकर विकास प्राधिकरण और जिला पंचायत की कार्यप्रणाली पर गहरी नाराजगी जताई गई और सुधार की दिशा में कदम उठाने का निर्देश दिया गया।
बैठक में यूपीसीडा के अधिकारियों की अनुपस्थिति पर जिलाधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया। वाराणसी जिले के विकास कार्यों पर विस्तृत जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि एचएफएल के 200 मीटर दायरे में निर्माण की अनुमति अब शासन से मिल चुकी है। इसके अलावा, नगर निगम से विधान परिषद सदस्यों के शिलान्यास एवं लोकार्पण कार्यक्रमों में नाम शामिल करने का आग्रह किया गया।
समाज कल्याण विभाग ने इस वर्ष 396 सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित करने की जानकारी दी और बताया कि अनुसूचित जाति के बच्चों के लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और आशापुर में छात्रावास संचालित किए जा रहे हैं। सीएचसी और पीएचसी पर डॉक्टरों की पर्याप्त उपलब्धता और जिले में संचालित 24 डायलिसिस बेड की जानकारी भी दी गई। बैठक में विद्युत विभाग के चीफ इंजीनियर ने बताया कि जिले में कुल 30,027 ट्रांसफार्मर हैं, जिनमें से 332 की क्षमता बढ़ाई जा चुकी है। 1,200 नए ट्रांसफार्मरों की क्षमता वृद्धि का भी पूरा प्लान तैयार किया गया है।
सिटी ट्रांसपोर्ट विभाग ने जानकारी दी कि वाराणसी में 50 इलेक्ट्रिक बसे संचालित हो रही हैं और 100 नई बसों की डिमांड भेजी जा चुकी है।
—जनप्रतिनिधियों से समन्वय पर जोर
बैठक में वाराणसी और चंदौली जिलों के विभिन्न विभागों – पुलिस, राजस्व, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, शिक्षा, आबकारी, वन, पशुपालन, और मत्स्य – द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन की जिलेवार समीक्षा की गई। समिति ने जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को प्राथमिकता पर लेने और कार्यों के क्रियान्वयन में उनसे समन्वय स्थापित करने का निर्देश दिया। चंदौली जिले में बेसिक शिक्षा विभाग, खाद्य एवं रसद, माध्यमिक शिक्षा, समाज कल्याण और गृह विभाग की समीक्षा की गई। एएसपी चंदौली ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में जिले में कोई कस्टोडियल डेथ नहीं हुई है। वहीं, सीएमओ चंदौली ने बताया कि टीबी मुक्त अभियान में जिले को प्रदेश में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ है, साथ ही संचारी रोगों में भी चंदौली प्रदेश में प्रथम स्थान पर है।
बैठक में समिति के सदस्य आशुतोष सिन्हा, हंसराज विश्वकर्मा, धर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी वाराणसी सत्येंद्र कुमार, जिलाधिकारी चंदौली चंद्र मोहन गर्ग, डीसीपी ट्रैफिक वाराणसी और मुख्य विकास अधिकारी समेत संबंधित विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी