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मुंबई ,20 नवंबर (हि. स.)। म्युनिसिपैलिटी के ज़रिए लोकल लोगों को बेसिक सर्विस सुविधाएं दी जाती हैं और बड़े प्रोजेक्ट लागू किए जाते हैं, इसका खर्च म्युनिसिपैलिटी अलग-अलग टैक्स से होने वाली इनकम से उठाती है। म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को मिलने वाली इनकम में काफी बढ़ोतरी होनी चाहिए और सर्विस सुविधाएं और अच्छे से दी जानी चाहिए और राज्य की म्युनिसिपैलिटी की फाइनेंशियल हालत का रिव्यू करने के बाद रेवेन्यू ग्रोथ को देखते हुए सरकार द्वारा तय गाइडलाइंस को अपनाया जाना चाहिए, यह बात 6th महाराष्ट्र स्टेट फाइनेंस कमीशन के चेयरमैन नितिन करीर ने आज हुई मीटिंग में कही।
छठवीं महाराष्ट्र फाइनेंस कमीशन की मीटिंग आज ठाणे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के अर्बन रिसर्च सेंटर में हुई। कमीशन के चेयरमैन नितिन करीर की अध्यक्षता में हुई इस मीटिंग में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी गोविंद राज, म्युनिसिपल एडमिनिस्ट्रेशन डायरेक्टरेट के कमिश्नर अभिषेक कृष्णा, ठाणे म्युनिसिपल कमिश्नर सौरभ राव के साथ-साथ राज्य की अलग-अलग म्युनिसिपैलिटी के कमिश्नर और एडिशनल कमिश्नर शामिल हुए।
महाराष्ट्र सरकार ने फरवरी 2025 में छठा फाइनेंस कमीशन बनाया है और इस कमीशन के ज़रिए तय किए गए काम के हिसाब से म्युनिसिपैलिटी के फाइनेंशियल रिसोर्स कैसे बढ़ाए जाएं, इस पर चर्चा करने के लिए राज्य की अलग-अलग म्युनिसिपैलिटी के कमिश्नरों की एक मीटिंग हुई। इस मीटिंग में सभी कमिश्नरों ने इनकम के मौजूदा सोर्स के बारे में जानकारी दी। मुख्य रूप से यह देखा गया कि खर्च का रेश्यो इनकम से ज़्यादा है, और सुझाव दिए गए कि इसे कंट्रोल किया जाना चाहिए और सभी म्युनिसिपैलिटी को बचत करने के तरीके के बारे में प्लान बनाना चाहिए। यह भी बताया गया कि मौजूदा हालात में म्युनिसिपैलिटी के ज़रिए प्रॉपर्टी टैक्स, कमर्शियल टैक्स, लाइसेंस फीस वगैरह को बेहतर बनाया जाना चाहिए और महाराष्ट्र सरकार से मिलने वाली ग्रांट का फॉलो-अप किया जाना चाहिए ताकि यह पक्का हो सके कि वह तय समय में मिल जाए।
प्रॉपर्टी टैक्स और वॉटर सप्लाई टैक्स में बदलाव करना ज़रूरी है, इस बारे में ऑफिस वालों को भरोसे में लेकर फ़ैसला लिया जाना चाहिए, ताकि बढ़े हुए टैक्स का लोगों में विरोध न हो। साथ ही, नए कंस्ट्रक्शन के लिए ली जाने वाली फ़ीस के बारे में भी फ़ैसला लिया जाना चाहिए। ताकि म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन की इनकम बढ़ सके। साथ ही, इस बारे में भी पॉलिसी फ़ैसला लिया जाना चाहिए कि सरकार जो स्टाम्प ड्यूटी लेती है, उसे सरकार इकट्ठा करके बाद में म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को दे, और रजिस्ट्रेशन के समय तय किए गए परसेंटेज के हिसाब से फ़ीस सीधे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में जमा की जाए। उन्होंने म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को यह भी निर्देश दिया कि इनकम बढ़ाने के लिए कोई भी सुझाव महाराष्ट्र स्टेट फ़ाइनेंस कमीशन को लिखकर भेजें। उन्होंने सभी म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को एडमिनिस्ट्रेटिव काम में डिसिप्लिन बनाए रखने के भी निर्देश दिए।
इस मीटिंग में, ठाणे म्युनिसिपल कमिश्नर सौरभ राव ने स्टेट फ़ाइनेंस कमीशन के ज़रिए ज़रूरी मदद पाने के बारे में ज़रूरी मुद्दों पर चर्चा की। इस मीटिंग में एजुकेशन सेस, एम्प्लॉयमेंट गारंटी सेस, रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी टैक्स, स्टाम्प ड्यूटी, दवाइयां और खाने-पीने की चीजें बनाने वाली कंपनियों को म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के ज़रिए लाइसेंस बांटना, सभी दुकानों और कंपनियों के रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल से मिलने वाली फीस, रोड टैक्स से मिलने वाली इनकम को म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन को ट्रांसफर करना वगैरह मांगें रखी गईं। साथ ही, सरकार के कोर्ट में पेंडिंग मांगों पर भी इस दौरान चर्चा हुई।
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हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा