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- राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत जिले में भी हुई अभियान की शुरूआत
ग्वालियर, 20 नवंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में रहने वाले भूमिहीन और आवासहीन परिवारों को आवासीय भूमि के पट्टाधिकार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर ग्वालियर सहित सम्पूर्ण प्रदेश में गुरुवार से प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक अभियान शुरू किया है। यह अभियान 13 दिसम्बर 2025 तक चलेगा। इसके लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग तथा राजस्व विभाग ने संयुक्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने राज्य शासन से प्राप्त दिशा-निर्देशों के पालन में आवासीय पट्टा अधिनियम के प्रावधान के तहत हितग्राहियों का सर्वेक्षण एवं पात्र हितग्राहियों को पट्टा प्रदाय करने के लिये संबंधित एसडीएम को प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किया गया है।
अनुविभागीय राजस्व अधिकारी झांसी रोड, ग्वालियर सिटी, मुरार व अनुविभागीय राजस्व अधिकारी लश्कर, नगर निगम ग्वालियर में अपने-अपने प्रभार के क्षेत्र में आवासीय भूमि के पट्टे के लिये सर्वेक्षण व पट्टा वितरण से संबंधित कार्रवाई संपादित करेंगे। इसी तरह अनुविभागीय राजस्व अधिकारी डबरा को नगर पालिका परिषद डबरा एवं नगर पंचायत बिलौआ व पिछोर की जिम्मेदारी दी गई है। अनुविभागीय राजस्व अधिकारी भितरवार को नगर पंचायत भितरवार व आंतरी एवं अनुविभागीय राजस्व अधिकारी घाटीगांव को नगर परिषद मोहना की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के तहत बीएलसी और एएचपी घटकों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए यह पहल अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार ने वर्ष 1984 के मध्यप्रदेश नगरीय क्षेत्रों के भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधिकार) अधिनियम में संशोधन करते हुए पात्रता तिथि को 31 दिसम्बर 2020 निर्धारित किया है।
इस तिथि तक सरकारी, नगर निकाय या विकास प्राधिकरण की भूमि पर वास्तविक रूप से काबिज ऐसे आवासहीन परिवार पट्टाधिकार प्राप्त करने के पात्र होंगे। राज्य सरकार का यह अभियान शहरी गरीबों को सुरक्षित आवासीय अधिकार प्रदान करने, प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के सुचारू क्रियान्वयन और “सबके लिए आवास” के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राज्य सरकार का यह प्रयास शहरी गरीबों के लिए स्थायी समाधान प्रदान करने वाला है। यह है समय सारिणी, ई-केवायसी आधारित समग्र आईडी अनिवार्य रहेगी सभी नगरीय क्षेत्रों में सर्वेक्षण कार्य 20 नवम्बर से 13 दिसम्बर तक चलेगा। सूची 14 दिसम्बर को प्रकाशित की जाएगी। किसी भी आपत्ति या सुझाव के निराकरण के बाद 29 दिसम्बर को अंतिम सूची संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा जारी की जाएगी। यह सूची संबंधित जिला कार्यालय की वेबसाइट और विभागीय वेबसाइट www.mpurban.gov.in पर भी उपलब्ध रहेगी। इसके लिये जिले में संबंधित अनुविभागीय अधिकारी के नेतृत्व में सर्वेक्षण दल गठित किए गए हैं। सर्वेक्षण के दौरान आधार e-KYC आधारित समग्र ID अनिवार्य रहेगी।
यह भी स्पष्ट किया गया है कि सर्वेक्षण की प्रक्रिया पारदर्शी एवं सुचारू रूप से संचालित की जाए। अंतिम सूची जारी होने के बाद पात्र हितग्राहियों को आवासीय भूमि के स्थाई एवं अस्थायी पट्टों का वितरण 4 जनवरी 2026 से 20 फरवरी 2026 के मध्य किया जाएगा। स्थायी पट्टे लाल व अस्थायी पट्टे पीले रंग के होंगे स्थाई पट्टे लाल रंग में और अस्थायी पट्टे पीले रंग में प्रदान किए जाएंगे। जिन क्षेत्रों में झुग्गी बस्तियों का अन्यत्र पुनर्व्यवस्थापन आवश्यक है, वहां समिति के निर्णय के अनुसार हितग्राहियों को वैकल्पिक स्थान पर व्यवस्थित किया जाएगा। स्थाई रूप से पट्टा प्राप्त क्षेत्रों में सड़क, पेयजल, नालियां, बिजली और अन्य आवश्यक अधोसंरचना का विकास नगरीय निकाय एवं विकास प्राधिकरणों द्वारा प्राथमिकता से किया जाएगा। पट्टा वितरण की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ होगी राज्य शासन ने पट्टा वितरण की पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और जन-जागरूकता के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए हैं। अवैध अधिपत्य, धोखाधड़ी या गलत जानकारी के आधार पर पट्टा प्राप्त करने जैसे मामलों में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर ब्लैकलिस्ट तैयार की जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर