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दौसा, 20 नवंबर (हि.स.)। जिले में श्रम विभाग का बकाया सैस)l जमा नहीं कराने पर नियोजक एवं ठेकेदार के खिलाफ वसूली एवं कुर्की की कार्यवाही की जाएगी। श्रम कल्याण अधिकारी राकेश कुमार मीना ने बताया कि निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए श्रम विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन एवं वित्त पोषण के लिए भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 तथा भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण उपकर नियम, 1998 के प्रावधान 27 जुलाई 2009 से सभी निर्माण कार्यों पर लागू है। इसके तहत कुल निर्माण लागत का 01 प्रतिशत सैस नियोजक व ठेकेदार द्वारा श्रम विभाग में जमा करवाया जाना आवश्यक है। नियोजक व ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य शुरू होने से 30 दिन पूर्व निर्माण कार्य की सूचना श्रम विभाग को दी जानी जरूरी है। इसके अलावा बीओसीडब्ल्यू एक्ट धारा 46 के तहत 30 दिन के भीतर निर्माण कार्य की सूचना एवं उपकर अधिनियम 1996 की धारा 4 के तहत निर्माण कार्य संबंधित रिटर्न पेश करना भी जरूरी है। ऐसे में निर्माण कार्य पूर्ण होने या 01 वर्ष पूर्ण होने के 30 दिवस के भीतर सैस जमा नहीं करवाने पर 2 प्रतिशत प्रति माह की दर से ब्याज आरोपित किए जाने के प्रावधान है। सैस निर्धारण आदेश जारी होने के बाद भी सैस राशि नहीं जमा कराने पर सैस राशि के बराबर तक शास्ति आरोपित कर भू-राजस्व अधिनियम के अन्तर्गत न्यायालय जिला कलक्टर (वसूली) के माध्यम से वसूली की जाएगी। इसके लिए जिले में विभाग की ओर से करीब 1200 नियोजक व ठेकेदारों को अंतिम सैस सुनवाई नोटिस जारी किए गए हैं। जिनके द्वारा सैस राशि जमा नहीं करवाने पर ब्याज आरोपित कर निर्धारण आदेश जारी किए जाएंगे। जारी निर्धारण आदेशों में उपकर राशि जमा नहीं करवाने पर पेनल्टी सहित वसूली प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / चरणजीत