उप्र में सहकारी संस्थाओं में पूंजी संग्रहण में हुई व्यापक वृद्धि : सुरेश खन्ना
सहकारिता जनविश्वास का आधार है : जे.पी.एस. राठौर राष्ट्रीय सहकार नीति परितंत्र एवं सहकारी उद्यमिता के माध्यम से कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण विषय पर गोष्ठी आयोजित लखनऊ, 20 नवम्बर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 एवं 72वें अखिल भारतीय सहकारी
गोष्ठी में मंच से बोलते मंत्री सुरेश खन्ना


गोष्ठी में मंच से बोलते मंत्री जे.पी.एस. राठौर


सम्मानित करते मंत्रीगण


सहकारिता जनविश्वास का आधार है : जे.पी.एस. राठौर

राष्ट्रीय सहकार नीति परितंत्र एवं सहकारी उद्यमिता के माध्यम से कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण विषय पर गोष्ठी आयोजित

लखनऊ, 20 नवम्बर (हि.स.)। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 एवं 72वें अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह का गुरुवार को समापन हुआ। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सहकारी यूनियन लिमिटेड तथा उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड के संयुक्त तत्वावधान में भारत की सहकारिता के लिए संरचित रोडमैप, राष्ट्रीय सहकार नीति परितत्र तथा युवाओं, महिलाओं एवं कमजोर वर्गों को सहकारी उद्यमिता के माध्यम से सशक्त बनाना विषय पर एक दिवसीय गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह गोष्ठी सहकारिता भवन स्थित उत्तर प्रदेश सहकारी यूनियन सभागार लखनऊ में हुई।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), सहकारिता विभाग जे. पी. एस. राठौर, अध्यक्ष पीसीयू सुरेश गंगवार, अध्यक्ष यूपीआरएनएसएस प्रेम सिह शाक्य, आयुक्त एव निबन्धक सहकारिता योगेश कुमार, अपर आयुक्त एवं अपर निबन्धक (प्रशा/बैंकिग) अनिल कुमार सिंह, प्रबन्ध निदेशक पीसीयू श्रीकान्त गोस्वामी, प्रबन्ध निदेशक यूपीआरएनएसएस वी. के. सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

संसदीय कार्य एवं वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने उद्बोधन कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सहकारिता क्षेत्र ने उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश कोआपरेटिव बैंक एवं जिला सहकारी बैंक लाभ में कार्य कर रहे हैं तथा सहकारी संस्थाओं में पूंजी संग्रहण में व्यापक वृद्धि हुई है। ग्रामीण क्षेत्रो में खाद वितरण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, गेहूं, धान खरीद, पेट्रोल पंप संचालन तथा विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में सहकारिता की बढ़ती भूमिका को उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने महिलाओं, युवाओं और कमजोर वर्गों को सहकारिता से जोड़ने पर विशेष बल दिया।

वित्त मंत्री ने कहा कि 2017 के पहले सहकारिता विभाग की स्थिति काफी दयनीय थी। योगी सरकार बनने के उपरान्त सहकारिता विभाग लगातार उन्नति के मार्ग पर अग्रसर है। सहकारी समितियो के 50 लाख सदस्यो द्वारा 500 करोड़ रुपये की धनराशि एकत्र की गयी है, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि साख के ऊपर ही अर्थशास्त्र काम करता है। साख बेहतर होती है तो हर चीज बेहतर होती है। वर्तमान समय सहकारिता की साख बढ़ रही है और बैंकों की स्थिति काफी सुदृढ़ हुई है। वित्त मंत्री जी ने कहा कि विभागों की प्रगति का आंकलन करके ही उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।

राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) जे. पी.एस. राठौर ने कहा कि सहकारिता जनविश्वास का आधार है और उत्तर प्रदेश में सहकारी समितियों ने बड़े स्तर पर वित्तीय सुदृढ़ीकरण, गोदामों के आधुनिकीकरण, कंप्यूटरीकरण, सौर ऊर्जा के उपयोग और खाद वितरण में डिजिटल प्रणाली को आगे बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 50 लाख से अधिक नए सदस्य सहकारिता से जुड़े हैं तथा जमा पूंजी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार प्रदेश में 1 से 30 सितम्बर, 2023 तक बी पैक्स सदस्यता महाभियान का प्रारम्भ किया गया, जिसमें लगभग 30 लाख नए सदस्य बने एवं 70 करोड़ रुपये का अशदान (शेयर कैपिटल) प्राप्त हुआ। सदस्यता अभियान के द्वितीय चरण में लगभग 22 लाख से अधिक नये सदस्य बनाये जा चुके हैं एवं 41.02 करोड़ रुपये का अंशदान (शेयर कैपिटल) प्राप्त हुआ। इस प्रकार कुल 650 करोड़ रुपये किसानों ने जिला सहकारी बैंकों में जमा किये है। ये किसानों की सहकारी बैंकों के प्रति बढ़ती विश्वसनीयता का प्रमाण है। इस सहकारिता जनांदोलन से प्रदेश में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।

एम-पैक्स में नई गतिविधियां सेवाओं का विस्तार उत्तर प्रदेश में माडल बायलाज के लागू होने के बाद एम-पैक्स द्वारा विविध प्रकार के व्यवसाय किये जा रहे है, जिनमें से 161 एम-पैक्स जन औषधि केन्द्र के रूप में कार्य कर रहे हैं। 6515 एम-पैक्स आज प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में किसानों को लाभ पहुंचा रहे हैं और 5198 एम-पैक्स जन सुविधा केन्द्रों के रूप में संचालित हैं, उल्लेखनीय है कि सीएससी ट्राजेंक्शन में उप्र का देश में प्रथम स्थान है।

आयुक्त एवं निबन्धक सहकारिता योगेश कुमार ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए सहकारिता सप्ताह के महत्व तथा आगामी योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। प्रदेश की 969 सहकारी समितियों में यूपीआई क्यूआर कोड लागू कर दिया गया है। अवशेष सभी एम. पैक्स को क्यूआर कोड उपलब्ध कराया जायेगा, जिससे सहकारी समितियों के व्यवसाय में सुचिता एवं पारदर्शिता की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। प्रदेश की समस्त सहकारी समितियों को आगामी वर्षों में सौर ऊर्जा के माध्यम से आच्छादित कर ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होगा।

विनोद कुमार सिंह, प्रबन्ध निदेशक, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ लिमिटेड ने अवगत कराया कि ई-एम०बी० तथा ई-बिल सॉफ्टवेयर तैयार कराकर सभी नये निर्माण कार्यों के भुगतान में यह व्यवस्था अपनायी जा रही है।”

कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ प्रो. क्षितिज अवस्थी (भारतीय प्रबंधन संस्थान) द्वारा राष्ट्रीय सहकार नीति के पांच प्रमुख स्तम्भों, सहकारिता के आधुनिकीकरण, सुशासन, क्षमत्ता विकास और ग्रामीण विकास में सहकारिता की भूमिका पर विस्तृत प्रस्तुती करण दिया गया। प्रो. डा. अर्पणा सेंगर ने युवाओं, महिलाओं एवं कमजोर वर्गों को सहकारी उद्यमिता से जोडने, पारम्परिक कारीगरों के उत्थान तथा महिला स्वावलम्बन के विषय पर महत्वपूर्ण विचार रखे।

इस अवसर पर सहकारिता मासिक पत्रिका के ’’विशेषांक’’ का विमोचन किया गया। उत्तर प्रदेश सहकारी यूनियन के 5 मृतक आश्रितों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए। नियुक्ति पत्र लाभार्थियों में धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय को जनपद जालौन में, अजीत यादव जनपद आगरा, अनिकेत गिरी जनपद मुजफ्फर नगर, अलका जनपद अमरोहा एवं नितिन कुमार को जनपद मेरठ में सहकारी कामदारों के पद पर नियुक्ति दी गई है। जनता दुर्घटना बीमा योजना के तहत पात्र आश्रितों को 50,000 रुपये के चेक वितरित किए गए। उत्तर प्रदेश सहकारी यूनियन के नए लोगो का उद्घाटन तथा ’उत्तर प्रदेश प्रबंधन प्रणाली पोर्टल’ का भी शुभारंभ किया गया।

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी, सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारी, विशेषज्ञ, प्रतिनिधिगण सहित अनेक अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा