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जगदलपुर, 20 नवंबर (हि.स.)। जिले में कार्यरत समस्त शासकीय सेवकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और त्रुटि रहित बनाने के उद्देश्य से कलेक्टर हरिस एस. ने सख्त निर्देश दिए हैं। संचालनालय कोष एवं लेखा, छत्तीसगढ़ द्वारा जारी नवीन दिशा-निर्देशों के परिपालन में कलेक्टर ने गुरुवार को जिले के सभी विभाग प्रमुखों और आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को निर्देशित किया है कि यदि 15 दिसंबर 2025 तक कार्मिक संपदा मॉड्यूल में कर्मचारियों का डेटा और ई-केवाईसी शत-प्रतिशत पूर्ण नहीं किया गया, तो संबंधित कर्मचारियों के दिसंबर माह के वेतन भुगतान में गंभीर बाधा उत्पन्न हो सकती है।
कलेक्टर हरिस एस. ने बताया कि राज्य शासन द्वारा वेतन व्यवस्था में एकरूपता लाने के लिए एक निर्णायक बदलाव किया गया है। दरअसल अभी तक विभागों द्वारा ई-पेरोल और कार्मिक संपदा में दर्ज जानकारियों में भिन्नता देखी जा रही थी, क्योंकि कार्मिक संपदा की प्रविष्टियों का सीधा उपयोग वेतन देयक बनाने में नहीं हो रहा था। इस विसंगति को दूर करने के लिए अब यह तय किया गया है कि दिसंबर 2025 का वेतन देयक अनिवार्य रूप से कार्मिक संपदा में अद्यतन की गई प्रविष्टियों के आधार पर ही तैयार होगा। इस नई व्यवस्था के तहत कर्मचारी का नाम, पदनाम, मूल वेतन और श्रेणी जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां ई-पेरोल सीधे कार्मिक संपदा मॉड्यूल से ही लेगा।
जिले के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि कई विभागों में अभी भी ई-केवाईसी और डेटा अपडेशन का कार्य लंबित है, जिसे मिशन मोड में पूरा करना आवश्यक है। उन्होंने सभी कार्यालय प्रमुखों को 15 दिसंबर की समय-सीमा में उक्त कार्रवाई अनिवार्य रूप से पूर्ण किया जाए। यदि निर्धारित तिथि तक यह कार्य पूर्ण नहीं होता है और डेटा के अभाव में किसी कर्मचारी का वेतन रुकता है, तो इसकी संपूर्ण जिम्मेदारी संबंधित कार्यालय प्रमुख की होगी। साथ ही कोषालय अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र के सभी आहरण एवं संवितरण अधिकारियों से संपर्क कर इस कार्य की महत्ता से अवगत कराएं और समय सीमा के भीतर डेटा प्रविष्टि सुनिश्चित करवाएं, ताकि शासकीय सेवकों को आगामी माह में वेतन संबंधी किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे