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हमीरपुर, 20 नवंबर (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में वीरवार को विद्यार्थियों के लिए मैटेरियल साइंस के अनुसंधान में हालिया में हुए विकास विषय पर व्याख्यान हुआ। व्याख्यान में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान हमीरपुर के मैटेरियल साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रो रवि कुमार ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की, जबकि तकनीकी विवि के अधिष्ठाता शैक्षणिक डॉ राजेश कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने तकनीकी विवि के विद्यार्थियों के साथ प्रेरणादायक संवाद किया।
उन्होंने मैटेरियल साइंस के क्षेत्र में हुए शोध, विकास तथा 20वीं से 21वीं सदी तक हुए महत्वपूर्ण नवाचारों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने सामग्री के वर्गीकरण, चुंबकीय पदार्थों, इलेक्ट्रॉनिक एवं संरचनात्मक विशेषताओं के बीच अंतर को सरल भाषा में समझाया।
उन्होंने सुपरकंडक्टिविटी के क्षेत्र में मिले नोबेल पुरस्कारों, उनकी खोज की यात्रा और उसके वैज्ञानिक महत्व पर छात्रों को अवगत कराया। साथ ही उन्होंने नैनोमटेरियल्स के प्राचीन समय से लेकर आधुनिक युग तक के उपयोगों को रोचक उदाहरणों के साथ समझाया। व्याख्यान के दौरान उन्होंने ट्रांसपेरेंट कंडक्टिंग ऑक्साइड्स की विद्युत चालकता एवं उनकी पारदर्शिता से जुड़ी वैज्ञानिक अवधारणाओं पर भी प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त उन्होंने लाइटवेट और हाई-स्ट्रेंथ मटेरियल्स, उनकी संरचना तथा इंजीनियरिंग क्षेत्र में उनकी आवश्यकता पर भी चर्चा की।
प्रो. कुमार ने एमएससी फिजिक्स एवं कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों को अध्ययन, शोध पद्धतियों तथा नवाचार विकसित करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि “हम यह जानने की कोशिश करें कि हम क्या नहीं जानते।” यही जिज्ञासा शोध और नवाचार की वास्तविक आधारशिला है।
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कौशल को विकसित करने पर फोकस रखें सभी विद्यार्थीः राकेश
हमीरपुर। हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर में वीरवार को एमबीए विभाग के विद्यार्थियों के लिए विशेषज्ञ व्याख्यान एवं इंटर्नशिप अभियान के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में चंडीगढ़ स्थित मीडिया हाउस के उप मुख्य प्रबंधक राकेश सुखिया ने बतौर वक्ता शिरकत की, जबकि तकनीकी विवि के अधिष्ठाता शैक्षणिक डॉ राजेश कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे।
उन्होंने एमबीए के विद्यार्थियों से आज के दौर में किस प्रकार के कौशल की डिमांड है और उस प्रकार के कौशल को विकसित करने के लिए विद्यार्थियों को क्या करना चाहिए, इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहले सेमेस्टर से ही विद्यार्थियों को अपने कौशल को विकसित करने पर फोकस रखना चाहिए। साथ ही इंटर्नशिप के लिए सभी प्रकार की संभावनाओं के बारे में जागरूक किया। इस मौके पर एमबीए विभाग के प्राध्यापक डॉ मनीष खन्ना, डॉ शुभम शर्मा आदि मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला