गुजरात को मिली पहली महिला बस पायलट, आज से सूरत की सड़कों पर दौड़ेगी 'गुलाबी बस'
सूरत, 20 नवंबर (हि.स.)। गुजरात के सूरत में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। अब गुजरात को उसकी पहली महिला बस पायलट मिल गई है। अभी तक महिलाएं शहर में महिलाएं पिंक ऑटो चलाती नजर आती थीं, लेकिन गुरुवार य
पिंक बस चलाते गुजरात की पहली महिला पायलट


सूरत, 20 नवंबर (हि.स.)। गुजरात के सूरत में महिलाओं की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। अब

गुजरात को उसकी पहली महिला बस पायलट मिल गई है। अभी तक महिलाएं शहर में महिलाएं पिंक ऑटो चलाती नजर आती थीं, लेकिन गुरुवार यानी आज से सूरत के बीआरटीएस रूट पर महिला ड्राइवर द्वारा संचालित पिंक बस सड़कों पर दौड़ती नजर आ रही है।

20 महीने की तलाश के बाद मिली महिला बस ड्राइवर

सूरत महानगर पालिका ने महिलाओं के लिए पिंक बस सेवा का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती थी। महिला बस ड्राइवर ढूंढने की। करीब 20 महीने की कड़ी मशक्कत के बाद निगम को चार साल के भारी वाहन चलाने के अनुभव वाली महिला ड्राइवर मिली है। यह

ड्राइवर इंदौर की रहने वाली है और अब सूरत में पिंक बस की पहली महिला बस पायलट बनेगी।

पहला रूट: सरथाणा नेचर पार्क से ओएनजीसी

पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले चरण में पिंक बस : सरथाणा नेचर पार्क–ओएनजीसी बीआरटीएस कॉरिडोर पर चलेगी। आज सुबह 11 बजे परिवहन समिति के अध्यक्ष सोमनाथ मराठे ने इस बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

महिला यात्रियों से मिले अच्छे प्रतिसाद के बाद शुरू हुई पहल

मनपा की परिवहन सेवा में रोजाना ढाई लाख से ज्यादा यात्री यात्रा करते हैं। कुछ समय पहले शुरू हुई पिंक ऑटो सेवा को महिला यात्रियों का

शानदार प्रतिसाद मिला। इसी सफलता को देखते हुए केवल महिलाओं के लिए बस सेवा शुरू करने की मांग तेज हुई। महानगर पालिका और सूरत सिटीलिंक लिमिटेड अब सार्वजनिक परिवहन में और अधिक महिला ड्राइवरों को शामिल करने की योजना पर काम कर रहे हैं।

गुजरात की पहली महिला बस पायलट का सूरत से शुरुआत होना शहर के लिए गर्व की बात है। पिंक बस सेवा न केवल महिला यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक परिवहन देगी, बल्कि शहर में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय भी लिखेगी।

इंदौर निवासी निशा शर्मा सूरत की पहली महिला बीआरटीएस बस ड्राइवर बन गई हैं। वे पिछले एक सप्ताह से सूरत में ट्रेनिंग ले रही थीं। निशा को बड़े वाहन चलाने का 4 वर्ष से अधिक अनुभव है और वह इंदौर बीआरटीएस में भी बड़े आकार की बस चला चुकी हैं।

महिलाओं के लिए शुरू हुई पिंक बस सेवा

महानगरपालिका ने महिलाओं की सुरक्षा, उन्नति और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए पहले पिंक ऑटो प्रोजेक्ट शुरू किया था, जिसमें 47 महिलाओं को रोजगार मिला। अब पिंक बीआरटीएस बस सेवा शुरू होते ही यह सुविधा और आगे बढ़ाई जाएगी। इस पिंक बस में महिला ड्राइवर,महिला कंडक्टर और केवल महिला यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति होगी।

निशा शर्मा : सिंगल मदर, दो बच्चों की जिम्मेदारी

निशा शर्मा एक सिंगल मदर हैं और उनके परिवार में उनकी माँ, दो बच्चे इंदौर में रहते हैं। तीनों की जिम्मेदारी निशा पर है। वे ₹22,000 की सेलरी पर इंदौर छोड़कर सूरत आई हैं। भविष्य में सेलरी बढ़ाए जाने की संभावना भी जताई गई है।

4 साल का अनुभव और बड़ी चुनौती को स्वीकारने का साहस

निशा ने 2021 में हैवी वाहन ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त किया था। वे इंदौर बीआरटीएस में 17.5 मीटर लंबी बस भी चला चुकी हैं। दिवाली से पहले उन्होंने साहसिक निर्णय लेकर सूरत आने का फैसला किया। एक महीने की सघन ट्रेनिंग पूरी कर वे ऑन-बोर्ड कर ली गई हैं। उनका सफर साबित करता है कि सिंगल मदर होना या किसी दूसरे शहर से होना—किसी भी लक्ष्य को पाने में बाधा नहीं बनता।

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हिन्दुस्थान समाचार / यजुवेंद्र दुबे