एक स्वास्थ्य-एक विश्व वैश्विक सम्मेलन में शामिल हुए 13 देशों के प्रतिनिधि
हरिद्वार, 20 नवंबर (हि.स.)। सीएसआईआर-सीबीआरआई रुड़की के तत्वावधान में एक स्वास्थ्य, एक विश्व 2025” वैश्विक सम्मेलनमें 13 देशों से 350 से अधिक प्रतिभागियों और 50 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने सहभागिता की। रुड़की के होटल क्लार्क्स सफ़ारी में आयोजन
सीबीआरआई में वैश्विक सम्मेलन


हरिद्वार, 20 नवंबर (हि.स.)। सीएसआईआर-सीबीआरआई रुड़की के तत्वावधान में एक स्वास्थ्य, एक विश्व 2025” वैश्विक सम्मेलनमें 13 देशों से 350 से अधिक प्रतिभागियों और 50 से अधिक विदेशी प्रतिनिधियों ने सहभागिता की।

रुड़की के होटल क्लार्क्स सफ़ारी में आयोजन सचिव डॉ. अजय चौरासिया ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और एशिया में सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास और आपदा न्यूनीकरण जैसे विषयों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर सीएसआईआर–सीबीआरआई के निदेशक ने भारत की उभरती अर्थव्यवस्था, आपदा-रोधी निर्माण की आवश्यकता, चल रहे रेट्रोफिटिंग कार्यों तथा सुरक्षित व सतत भविष्य के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता पर अपने विचार व्यक्त किए।

टोक्यो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. वतारू ताकेउची, इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल साइंस, ने एक स्वास्थ्य, एक विश्व की अवधारणा, अवसंरचना विकास, आपदा न्यूनीकरण तथा आपदा-रोधी प्रणालियों पर विस्तृत चर्चा की। प्रोफेसर सी.वी.आर. मूर्ति ने आपदाओं से जुड़े मुद्दों और शोध प्रगति पर अपने अनुभव साझा किए। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य डॉ. कृष्ण एस. वात्सा ने आधुनिक इंजीनियरिंग व रुड़की की ऐतिहासिक जल नहर प्रणाली, तथा भारत–जापान सहयोग पर विस्तार से बात की।

उन्होंने वैश्विक आपदा-रोधी प्रयासों में जापान के नेतृत्व की भी सराहना की। मुख्य अतिथि, वर्ल्ड सीस्मिक सेफ्टी इंस्टीट्यूट के सह–संस्थापक प्रोफेसर किमीरो मेगुरो ने आमंत्रण के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन, औद्योगिक आपदाओं और वैज्ञानिक व सतत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर प्रभावशाली वक्तव्य दिया। देेेश विदेश के विभिन्न प्रोफेसरों द्वारा शहरी सुरक्षा एवं आपदा न्यूनीकरण, अवसंरचना प्रबंधन और सतत निर्मित पर्यावरण, एशिया में अंतरराष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान, जलवायु परिवर्तन और हरित पुनर्प्राप्ति जैसे विषयों पर व्याख्यान दिए गए।

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला