मुस्कान और मासूमियत से सभी के जीवन में खुशी भर देते हैं बच्चे : बेबी रानी मौर्य
लखनऊ, 20 नवंबर (हि.स.)। विश्व बाल दिवस (20 नवम्बर) के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित दो-दिवसीय राज्य-स्तरीय कार्यक्रम “तरंग” का समापन गुरूवार को भागीदारी भवन, गोमती नगर में किया गया। यह आयोजन प्रदेश के बच्चों, उनके
मंचासीन मंत्री बेबी रानी मौर्य और प्रतिभा शुक्ला


लखनऊ, 20 नवंबर (हि.स.)। विश्व बाल दिवस (20 नवम्बर) के अवसर पर महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित दो-दिवसीय राज्य-स्तरीय कार्यक्रम “तरंग” का समापन गुरूवार को भागीदारी भवन, गोमती नगर में किया गया। यह आयोजन प्रदेश के बच्चों, उनके बचपन तथा उनके अधिकारों का उत्सव मनाने के उद्देश्य से किया गया।

समारोह में मुख्य अतिथि महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि बच्चे मुस्कान और मासूमियत से सभी के जीवन में खुशी भर देते हैं। उन्होंने कहा कि “तरंग बच्चों की ऊर्जा, उत्साह, संवेदनाओं और आनंद का प्रतीक है।” उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों को अपने घरों और रोजमर्रा की दिनचर्या से बाहर निकलकर एक बड़े मंच पर मिलने, सीखने और अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिलना अत्यंत सुखद है। अपने प्रेरक संदेश में उन्होंने बच्चों से कहा कि वे स्वयं को सक्षम समझें, बड़े सपने देखें और उन्हें पूरा करने के लिए प्रयासरत रहें।

राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने “तरंग” को बच्चों के उत्साह, प्रेरणा और सकारात्मक सोच को मजबूत करने वाला एक उत्सव बताया। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अपने जीवन के प्रति कृतज्ञ रहें, ईश्वर पर विश्वास रखें और आने वाली हर चुनौती का साहस के साथ सामना करें। उन्होंने बच्चों को आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

अपर मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग लीना जौहरी, निदेशक महिला कल्याण संदीप कौर तथा यूनिसेफ चीफ जकारी एडम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

यह कार्यक्रम केवल बच्चों की प्रतिभा का उत्सव नहीं था, बल्कि उन देखभालकर्ताओं एवं सहयोगी स्टाफ के कार्य को भी सम्मान देने का अवसर था, जो प्रतिदिन बाल देखभाल संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा, देखरेख और मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विभागीय नेतृत्व ने उनके समर्पण और सेवाभाव की प्रशंसा करते हुए उन्हें कार्यक्रम की सच्ची आधारशिला बताया।

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन