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पूर्वी सिंहभूम, 20 नवंबर (हि.स.)। चौथा बाल मेला 2025 के समापन समारोह में गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने जिले को बाल मित्र जिला बनाने के सरयू राय के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि बाल मेला बच्चों के व्यक्तित्व विकास और समाज में सकारात्मक माहौल निर्माण की दिशा में एक सशक्त पहल है।
उन्होंने कहा कि बालपन केवल उम्र का चरण नहीं, बल्कि समाज के भविष्य को दिशा देने वाला आधार है, इसलिए हमें वस्तु के साथ-साथ व्यक्तित्व निर्माण पर भी समान रूप से ध्यान देना चाहिए। मुंडा ने इस बात पर जोर दिया कि बदलते परिवेश में संवेदनशीलता और आत्मीयता को बचाए रखना समाज की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है और बाल मेला ने इस दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
विधायक और मेला संरक्षक सरयू राय ने बताया कि सात दिनों तक चले इस मेले में 18 प्रकार की प्रतियोगिताओं के साथ 10 हजार से अधिक बच्चों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली बच्चों को मंच देना और हाशिये पर खड़े बच्चे जिनमें कचरा चुनने वाले बच्चे भी शामिल हैं उन्हें मेले से जोड़ना ही इसका उद्देश्य रहा। राय ने मंच से जमशेदपुर घोषणा पत्र पढ़ते हुए जिले को बाल शोषण मुक्त और पूर्णत: बाल मित्र जिला बनाने का संकल्प दोहराया।
बाल वैज्ञानिक प्रतियोगिता में अयंक राज, आयुष कुमार, श्रीराम दुबे और विवेक कुमार ने प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि अंश कुमार, किसलय पॉल और अंश कुमार सिन्हा को अन्य श्रेणियों में पुरस्कृत किया गया। मंच संचालन आशुतोष राय ने किया और स्वागत भाषण अशोक गोयल ने दिया।
मौके पर चितरंजन वर्मा, विनोद सिंह, हरेंद्र पांडेय, राजीव सिंह, संजीव सिन्हा, प्रवीण सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नू और सुबोध श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक