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माउन्टआबू, 2 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि बिहार की राजनीति का नैरेटिव अब 'जंगलराज' और 'विकासवाद' के बीच में है, बाकी सारे नैरेटिव गौण हो गए हैं। इस बार लालू यादव के 'जंगलराज' और मोदी-नीतीश के 'विकासवाद' के राज के बीच ही बिहार की जनता ने वोट करना तय किया है, इसलिए निश्चित रूप से विकास ही विजयी होगा।
रविवार को सर्किट हाउस में भाजपा कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में शेखावत ने कहा कि कल के सूरज का जितना निश्चित पूरब से निकलने का है, उतना ही निश्चित इस बार बिहार में प्रचंड बहुमत के साथ एनडीए सरकार बनने का भी है। एनडीए द्वारा एजेंडा रखे जाने के दौरान पत्रकारों के सवालों के बीच नीतीश कुमार के उठकर चले जाने के संबंध में पूछे गए सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मैं सदंर्भ को देखे बिना उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, लेकिन नीतीश कुमार बहुत पुराने नेता हैं, उस दौरान सवाल पूछने वाले अधिकांश पत्रकार तब जन्मे भी नहीं होंगे, जब से नीतीश कुमार बिहार में किसी न किसी दायित्व के साथ में काम कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में जब से केंद्र की सत्ता में मोदीजी के नेतृत्व में भाजपा का पर्दापण हुआ है, जब हमारा एकमात्र एजेंडा है, ‘विकास’ और देश को दुनिया के सबसे समृद्ध व शक्तिशाली देशों की पंक्ति में खड़ा करना है। जो मार्ग जनसंघ के संस्थापकों ने तय किया था, हमारा आज भी वही मार्ग है, वह है अंत्योदय का मार्ग और समाज के अंतिम पायदान में खड़े व्यक्ति के घर में रोशनी लाने का मार्ग।
शेखावत ने कहा कि इस बार बिहार चुनाव में चेहरा तेजस्वी यादव नहीं हैं, बल्कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव हैं। लालू प्रसाद और राबड़ी राज की उस समय की वीभत्स यादें आज भी लोग भूले नहीं हैं। माफियाराज मुक्त बिहार आज विकसित की तरफ अग्रसर होता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। इसमें कहीं से भी किसी प्रकार का संदेह नहीं है।
प्रशांत किशोर के चुनाव मैदान में होने से मुकाबला त्रिकोणीय होने के संबंध में पूछे गए सवाल पर शेखावत ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति हमारे सामने चुनाव लड़ता है तो वह हमारे लिए चुनौती होती है, क्योंकि वह उस रास्ते को पार करने के लिए एक अवरोध होता है, लेकिन इसके बाद भी यह निश्चित है कि बिहार का मतदाता सबसे अधिक लोकतांत्रिक रूप से परिपक्व है। बिहार के लोगों ने अब विकास का स्वाद चखा है, इसलिए विकास के साथ ही बिहार की जनता वोट करेगी। उन्होंने कहा कि पहले निश्चित ही बिहार में जाति के आधार पर वोट होता था, लेकिन अब बिहार ने पहली बार विकास, सुशासन और परिवर्तन का समय देखा है। इस बार मतदाता जाति से ऊपर उठकर विकास के लिए मतदान करेंगे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव