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गोरखपुर, 2 नवंबर (हि.स.)। सिविल लाइंस स्थित मांगरीष इंफ्रा के प्रांगण में चर्चित शायर और कवि अरुण कुमार श्रीवास्तव 'शम्स गोरखपुरी' की बहुचर्चित पुस्तक 'तख़लीक- ए-अरुण' का भव्य विमोचन मुख्य अतिथि वरिष्ठ वयोवृद्ध समाजसेवी दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव के द्वारा किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अरुण कुमार श्रीवास्तव की रचनाएं एक अलग पहचान छोड़ती हैं जो समाज के समक्ष आईना प्रस्तुत करती हैं। यह किताब पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी।
विमोचन समारोह की अध्यक्षता कर रहे महात्मा गांधी वर्धा विश्वविद्यालय महाराष्ट्र के पूर्व प्रति कुलपति प्रोफेसर चितरंजन मिश्रा ने कहा कि गीत और गजल के क्षेत्र में शम्स गोरखपुरी की यह पुस्तक एक अलग छाप छोड़ती है, उनकी रचनाएं देश प्रेम से ओतप्रोत, समाजोपयोगी एवं वैमनस्यता को दूर करने में सहायक सिद्ध होगीं जो समाज के लिए बहुत जरूरी है। उन्होंने तख़ली ए अरुण पुस्तक की कई रचनाओं की विस्तृत व्याख्या किया एवं कहा कि वर्तमान में ऐसी रचनाओं की ही जरूरत है उनकी रचनाओं में समाज को दिशा देने वाली गजलें, गीत और नज़्म का संगम है जो आगे आने वाली पीढ़ी के लिए उपयोगी सिद्ध होगा।
प्रख्यात शिक्षा विद् प्रोफेसर मनोज कुमार ने कई रचनाओं को पढ़कर सुनाया एवं कहा कि उनकी रचनाओं में भाषा की पकड़ बहुत मजबूत है, इसमें हिंदी के साथ-साथ उर्दू एवं फारसी शब्दों का भी प्रयोग किया गया है जो आज की जरूरत है। इस अवसर पर , अखिलेश चन्द्र जी, आर्य समाज गोरखपुर के प्रमुख प्रहलाद गुप्ता एवं अन्य कई वक्ताओं ने संबोधित करते हुए अपने विचार रखे।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय