जनस्वास्थ्य बनाम मुनाफ़ा: भ्रामक औषधि प्रचार का बढ़ता जाल
- डॉ सत्यवान सौरभ
भारतीय समाज में स्वास्थ्य केवल व्यक्ति के अस्तित्व का नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय और संवैधानिक अधिकारों का भी प्रश्न है। संविधान के अनुच्छेद २१ में निहित ‘जीवन के अधिकार’ में स्वास्थ्य का अधिकार निहित है। किंतु जब औषधियों के नाम पर
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