भारत की एकता को भाषा, धर्म या क्षेत्रीय पहचान से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दृष्टि से देखना होगा : मोहन भागवत
-सरसंघचालक ने दिया एकता का संदेश, बोले-आज जरूरत है हम अच्छा दर्पण देखें, वह जो हमें एक दिखाए-जो हमारा हक है, उसे हम वापस लेंगे, क्योंकि वह हमारा ही है, भारत की विविधता ही उसकी सबसे बड़ी ताकत है
सतना, 05 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर
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