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- दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात जहाज का हुआ गर्मजोशी से स्वागत
नई दिल्ली, 05 अक्टूबर (हि.स.)। दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में पूर्वी बेड़े की परिचालन तैनाती के तहत भारतीय नौसेना का स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस 'सह्याद्रि' ने मलेशिया की तीन दिवसीय यात्रा पूरी कर ली है। केमामन बंदरगाह पर 02 अक्टूबर को पहुंचने पर रॉयल मलेशियाई नौसेना ने भारतीय जहाज का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों देशों के बीच स्थायी सांस्कृतिक संबंधों और साझा समुद्री परंपराओं का जश्न मनाया।
स्वदेशी रूप से डिजाइन, निर्मित और 2012 में कमीशन किया गया आईएनएस सह्याद्री शिवालिक श्रेणी के गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट्स का तीसरा जहाज है। यह जहाज 'आत्मनिर्भर भारत' पहल का एक उत्कृष्ट उदाहरण है और कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय अभ्यासों के साथ-साथ परिचालन तैनाती का भी हिस्सा रहा है। आईएनएस सह्याद्रि की यह तीसरी मलेशिया यात्रा है। इससे पहले जहाज ने 2016 में सद्भावना मिशन पर पोर्ट क्लैंग का दौरा किया था। बाद में 2019 में कोटा किनाबालु में समुद्र लक्ष्मण अभ्यास में भाग लिया था। ये यात्राएं दोनों देशों के बीच मजबूत और विकसित होते नौसैनिक संबंधों को रेखांकित करती हैं।
नौसेना के कैप्टन विवेक मधवाल के मुताबिक दक्षिण चीन सागर और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईएनएस सह्याद्रि की चल रही परिचालन तैनाती हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक जिम्मेदार समुद्री हितधारक और पसंदीदा सुरक्षा साझेदार के रूप में की गई। केमामन बंदरगाह पर इस पोत के पहुंचने से भारत-मलेशिया के समुद्री सैन्य सहयोग और मजबूत हुए हैं। इसके अलावा दोनों नौसेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ावा मिलने के साथ ही सर्वोत्तम नौसैनिक प्रथाओं का आदान-प्रदान हुआ है।
इस तीन दिवसीय यात्रा में पोत के कमांडिंग ऑफिसर ने रॉयल मलेशियाई नौसेना के वरिष्ठ अधिकारियों से शिष्टाचार भेंट की, जिसमें नौसेना क्षेत्र के उप कमांडर, प्रथम एडमिरल अब्द हलीम बिन कमरुद्दीन से भी मुलाकात शामिल थी। इस यात्रा में व्यावसायिक आदान-प्रदान, भारतीय नौसेना और आरएमएन अधिकारियों के बीच पारस्परिक दौरे, पारस्परिक प्रशिक्षण, दोनों नौसेनाओं के बीच खेल आयोजन और आईएनएस सह्याद्री के चालक दल के लिए शहर की मनोरंजक यात्राएं भी शामिल थीं। चालक दल ने एक योग सत्र और चैरिटी कार्यक्रम का भी आयोजन किया, जो स्वास्थ्य, करुणा और भारत-मलेशिया मैत्री को मजबूत करने के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कैप्टन मधवाल ने बताया कि भारत और मलेशिया के बीच समृद्ध और बहुआयामी संबंध हैं, जो सदियों पुराने गहरे सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक संबंधों से आकार लेते हैं। भू-राजनीतिक समुद्री परिदृश्य में हिंद-प्रशांत क्षेत्र के निरंतर बढ़ते महत्व के साथ दोनों राष्ट्रों ने पारस्परिक हितों पर आधारित क्षेत्रीय साझेदारी बनाने के महत्व को तेजी से पहचाना है। भारत और मलेशिया के बीच नौसेना-से-नौसेना संपर्क द्विवार्षिक लीमा प्रदर्शनी और मिलान अभ्यासों के माध्यम से पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ा है। भारतीय नौसेना और आरएमएन जहाजों के बीच 2024 में फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास 'समुद्र लक्ष्मण' इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और सहयोग को मजबूत करने के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम