नगरपालिका बागेश्वर के प्रभारी ईओ की नियुक्ति के निर्णय पर लगाई रोक
नगरपालिका बागेश्वर के प्रभारी ईओ की नियुक्ति के निर्णय पर लगाई रोक


नैनीताल, 31 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने प्रधान सहायक विजय सिंह कानवासी को वरिष्ठतम अधिकारी मानते हुए प्रभारी ईओ बागेश्वर के पद पर नियुक्त करने के निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद नगर पालिका बागेश्वर के प्रभारी ईओ की नियुक्ति के निर्णय पर लगाई रोक लगा दी है।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी हयात सिंह परिहार ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर प्रधान सहायक विजय सिंह कनवासी को नगर पालिका अध्यक्ष बागेश्वर द्वारा ईओ के पद पर दी गई नियुक्ति को चुनौती देते हुए कहा था कि उन्हें शासन ने 17 सितंबर 2025 को नगर पालिका बागेश्वर के प्रभारी ईओ के पद नियुक्त किया गया था और जिसका प्रभार याचिकाकर्ता की ओर से 18 सितंबर 2025 को ग्रहण कर लिया था, लेकिन तीन सप्ताह तक उसे वित्तीय अधिकार नहीं दिए गए और इसी बीच 9 अक्टूबर 25 को आदेश पारित कर याचिकाकर्ता के स्थान पर एक अन्य प्रभारी ईओ की नियुक्ति कर दी गई और याचिकाकर्ता को हल्द्वानी नगर निगम के लिए स्थानांतरित कर दिया गया। जिसे याचिकाकर्ता ने पूर्व में दायर याचिका में चुनौती दी थी और हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। इसी दौरान शासन ने आदेश जारी कर नए प्रभारी ईओ की नियुक्ति एवं याचिकाकर्ता के स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही न्यायालय को अवगत कराया गया कि नियमित ईओ की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है, जिसके चलते पूर्व में दाखिल याचिका निस्तारित हो गयी।

इसके बाद नगर पालिका बागेश्वर ने 17 अक्टूबर 2025 को एक बैठक कर प्रधान सहायक विजय सिंह कानवासी को वरिष्ठतम अधिकारी मानते हुए प्रभारी ईओ पर नियुक्त करने का निर्णय लिया जिसे हयात सिंह परिहार द्वारा पुनः उच्च न्यायालय में चुनौती दी है याचिकाकर्ता का तर्क था कि उसकी नियुक्ति का आदेश जिसके द्वारा उसे प्रभारी ईओ नियुक्त किया गया था आज भी प्रभाव में है और याची नगर पालिका परिषद बागेश्वर में सबसे वरिष्ठ अधिकारी है। कोर्ट ने नियुक्ति पर रोक लगाते हुए चार सप्ताह में जवाब दा​खिल करने का आदेश पारित किया है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 दिसंबर 2025 की ति​थि नियत की।

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हिन्दुस्थान समाचार / लता