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नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय
ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल की शराब घोटाला मामले गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी किया है। जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ ने नोटिस जारी करने का आदेश दिया।
चैतन्य बघेल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील एन. हरिहरन और कपिल सिब्बल ने कहा कि ईडी जानबूझकर ट्रायल में देरी कर रहा है, ताकि याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी लंबी चल सके। हरिहरन ने कहा कि जांच खत्म नहीं हो रही है। सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता को इस आधार पर गिरफ्तार किया गया कि उसने जांच में सहयोग नहीं किया, लेकिन ईडी ने पूछताछ के लिए कोई भी नोटिस नहीं भेजा और न ही उन्होंने कभी बुलाया। तब जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि सहयोग नहीं करना ही गिरफ्तारी का एकमात्र आधार नहीं हो सकता है।
सिब्बल ने कहा कि ईडी कोर्ट की इजाजत भी नहीं लेती है और इस तरह ट्रायल कभी शुरु नहीं होता। ईडी ट्रायल में देरी करती है और हिरासत में रखती है। आरोप है कि 2019 से 2022 के बीच छत्तीसगढ़ में करीब 2000 करोड़ के शराब घोटाले को नेताओं, आबकारी अधिकारियों और निजी कारोबारियों ने अंजाम दिया। चैतन्य बघेल पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी कंपनियों और रियल इस्टेट में निवेश के जरिये पैसों की हेराफेरी की।
चैतन्य बघेल ने इसके पहले छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
का दरवाजा खटखटाया था। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय
ने 17 अक्टूबर को बघेल की याचिका खारिज कर दी थी। उच्च न्यायालय
ने कहा था कि ईडी ने कोर्ट की जरुरी इजाजत के बिना आगे की जांच की, लेकिन यह केवल प्रक्रियागत खामी थी, जो ईडी की जांच को अवैध नहीं बनाती है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी