सरदार वल्लभभाई पटेल का एकता आंदोलन राष्ट्र के लिए ऑक्सीजन है - लद्दाख उपराज्यपाल
सरदार वल्लभभाई पटेल का एकता आंदोलन राष्ट्र के लिए ऑक्सीजन है - लद्दाख उपराज्यपाल


लेह, 31 अक्टूबर (हि.स.)। लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने शुक्रवार को कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल का एकता आंदोलन राष्ट्र के लिए ऑक्सीजन है और यह केंद्र शासित प्रदेश राष्ट्रीय एकता के उनके दृष्टिकोण को हर दिन साकार करता है।

सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर एकता की शपथ दिलाने के बाद लेह में रन फॉर यूनिटी को हरी झंडी दिखाते हुए उन्होंने लोगों से लद्दाख को राष्ट्रीय एकता की प्रयोगशाला बनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एकता सिर्फ़ एक नारा नहीं बल्कि हमारे राष्ट्र की प्राणवायु है। लद्दाख में हम हर दिन उनके दर्शन को आत्मसात करते हैं। यहाँ बौद्ध, मुस्लिम, सिख और ईसाई धर्मों की एकता राष्ट्रीय एकता का एक जीवंत उदाहरण है, एक ऐसा आदर्श जिस पर स्वयं सरदार पटेल को गर्व होता।

उपराज्यपाल ने कहा कि आज जब सियाचिन ग्लेशियर और पैंगोंग झील की बर्फीली चोटियों पर तिरंगा गर्व से लहराता है और सभी धर्म यहाँ एक परिवार की तरह रहते हैं तो यह पूरे देश को एक मज़बूत संदेश देता है। उपराज्यपाल ने लद्दाख को भारत का मुकुट बताया और कहा कि ऊँचाई वाले क्षेत्र में नियंत्रण रेखा की रक्षा करने वाला प्रत्येक सैनिक इस मुकुट की रक्षा करने वाला आधुनिक सरदार पटेल है।

उन्होंने कहा कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर मैं हमारे युवाओं से एक संकल्प लेने की अपील करता हूँ। उन्होंने कहा कि आइए हम लद्दाख को (इस राष्ट्र की) राष्ट्रीय एकता की प्रयोगशाला बनाएँ। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र सद्भाव और एकता की धुनों को प्रतिबिम्बित करता है जहाँ कारगिल की मस्जिदें और लेह के मठ मिलकर भारत की साझी संस्कृति की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं।

सरदार पटेल का हवाला देते हुए उपराज्यपाल ने कहा कि प्रत्येक भारतीय को यह भूल जाना चाहिए कि वह राजपूत है, सिख है या हिंदू है। उसे केवल यह याद रखना चाहिए कि वह एक भारतीय है। उन्होंने कहा कि जब यह क्षेत्र राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है, हम लद्दाख की पवित्र धरती पर खड़े हैं जहाँ विशाल हिमालय पहरा दे रहा है और सिंधु नदी बहती है, एकता की शाश्वत गाथाएँ गाती हुई।

उन्होंने आगे कहा कि 2014 से, 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एकता के इस दिन को मनाने के लिए सभी समुदायों के लोग यहाँ एकत्रित हुए हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि इस अवसर पर हम भारत के उस महान सपूत सरदार वल्लभभाई पटेल को याद करते हैं जिन्हें आधुनिक भारत के निर्माता के रूप में जाना जाता है और उन्हें अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

उन्होंने कहा कि यहीं पर इतिहास के सबसे चुनौतीपूर्ण युद्धकालीन आपूर्ति अभियानों में से एक हुआ था जिसने इस महत्वपूर्ण सीमांत की रक्षा और एकीकरण सुनिश्चित किया था। उपराज्यपाल ने कहा कि हमारे सैनिकों और नागरिकों ने तब से इस हिमालयी भूमि को भारत के भूगोल का अभिन्न अंग बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह