धार्मिक पुष्कर मेला 2 नवम्बर से 5 को होगा पूर्णिमा महास्नान
धार्मिक पुष्कर मेला 2 नवम्बर से 5 को होगा पूर्णिमा महास्नान


पुष्कर पशु मेले में 5 हजार 914 पशु पहुंचे, 78 लाख की अब तक खरीद फरोख्त

अजमेर, 31 अक्टूबर(हि.स.)। तीर्थराज पुष्कर का धार्मिक मेला कार्तिक एकादशी स्नान के साथ 2 नवम्बर को शुरू होगा तथा समापन 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा महास्नान एवं मेला मैदान में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं पुरस्कार वितरण के साथ होगा। इस बीच आंवला नवमी के मौके पर पुष्कर सरोवर में शुक्रवार को हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और आंवला पेड़ पूजन कर दान पुण्य किया। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक शुक्ल नवमी को सतयुग का प्रारंभ हुआ था।

इधर, पुष्कर मेले में रौनक परवान चढ़ने लगी है। हजारों श्रद्धालु और देसी विदेशी पर्यटक पुष्कर मेले का आनन्द उठाने पहुंच गए हैं। अंतरर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले में पर्यटकों के साथ फोटोग्राफरों की बड़ी भीड़ उमड़ी है। देसी विदेशी फोटो ग्राफर पुष्कर मेला 2025 को अपने अपने अलग नजरिए से कैमरे में कैद करते दि खाई दे रहे हैं। पशुओं के मोहक अंदाज, रेतीले धोरों में खाना पकाते ग्रामीणों के दृश्य, सनसेट के समय ऊंट वंश का रेतीले धोरों में विचरण, देसी महिलाओं की मेला मैदान में लगे पंडालों से खरीदारी, झूलों की सैर, पुष्कर सरोवर के घाटों पर दीपदान व पूजा अर्चना को कैमरे में कैद किया जा रहा है। पुष्कर मेले के बाजारों की रौनक सुबह से लेकर देर रात तक बनी हुई है। इस दौरान मंदिरों में होने वाली आरती के समय बजने वाली घंटियों और नगाड़े समूचे वातावरण को अलग ही आध्यात्मिक बना रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से मेला मैदान में प्रति दिन शाम को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में मौसम की ठण्डक ने थोड़ा असर डाला है किंतु फिर भी सैलानी उसका आनंद ले रहे हैं।

अब तक पुष्कर पशु मेले में 5 हजार 914 विविध वंश के पशुओं की आवक हुई है। इनमें सर्वाधिक 4331 अश्व शामिल हैं, इसके अलावा 1546 ऊंट वंश के आए हैं। मेले में 15 भैंसे, 20 गौवंश तथा भेड़ बकरियां शामिल हैं। मेला अधिकारी डॉ सुनील घीया ने बताया कि सफेद चिट्ठी के अनुसार अभी तक अब तक ऊंट वंश के 64, अश्व वंश के 113 व 1 गौवंश का क्रय— विक्रय हुआ है।

सैंड आर्ट गैलरी देखने उमड़े सैलानी....

पुष्कर मेले के दौरान एक लाख टन मिट्टी से बनाई गई सैंड आर्ट गैलरी में ख्यातनाम सैंड आर्टिस्ट अजय रावत की बनाई मिट्टी की कलाकृतियां देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। आर्टिस्ट ने वीर तेजा जी, वीर हनुमान, संत प्रेमानंदजी महाराज, वाइल्ड लाइफ आदि विभिन्न कलाकृतियां मिट्टी पर बना कर लोगों को दातों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष