बलरामपुर : बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत परियोजना स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला सम्पन्न
बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत परियोजना स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला सम्पन्न


बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत परियोजना स्तरीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला सम्पन्न


बलरामपुर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। कलेक्टर राजेन्द्र कटारा के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह के मार्गदर्शन में जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा जनपद पंचायत के सभाकक्ष में बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत विवाह कार्य से संबंधित दुकानदारों, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों का शुक्रवार काे एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला आयोजित किया गया। उक्त प्रशिक्षण में विवाह कार्य से संबंधित दुकानदारों, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, सेक्टर पर्यवेक्षक, ग्राम पंचायत सचिव, जिला बाल सरक्षण इकाई/चाईल्ड हेल्प लाईन के अधिकारी/कर्मचारी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा अन्य विभाग से संबंधित उपस्थित हुए।

प्रशिक्षण में जिला बाल संरक्षण अधिकारी के द्वारा बाल विवाह के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान किया गया। विवाह कार्य से संबंधित दुकानदारों (प्रिट्रिग प्रेस, डीजे, फलैक्स प्रिट्रिंग, मिठाई दुकान, ज्वेलरी शॉप, पंडित, प्रतिष्ठित व्यक्ति आदि) को विशेष जानकारी प्रदान करते हुए प्रेरित किया गया कि आपके पास विवाह सबंधी कोई परिवार विवाह व्यवस्था/सामग्री आदि कार्य हेतु सम्पर्क करते है तो आप भी अपने स्तर पर इस बात का परीक्षण कर ले कि होने वाले विवाह में वर-वधू का उम्र बाल विवाह की श्रेणी में न आता हो।

आयु पूर्ण होने सबंधी सत्यापन उपरान्त ही कार्य की जिम्मेदारी लेने हेतु प्रेरित किया गया। वर्ष 2025-26 से 2028-29 तक के लिए बाल विवाह मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने हेतु लक्ष्य निर्धारित करने का निर्देश जारी किया गया है। राज्य शासन द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधान अनुसार बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारियों की संख्या में वृद्धि कर जिला स्तर से ग्राम पंचायत स्तर तक बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी की अधिसूचना राज्य शासन द्वारा जारी की गई है।

ग्राम पंचायत स्तर पर प्रत्येक ग्राम पंचायत सचिव को, सेक्टर स्तर पर सेक्टर पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग, ब्लाक स्तर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी, जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी/जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारियों को बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रत्येक ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय को बाल विवाह मुक्त कर बाल विवाह मुक्त ग्राम पंचायत व बाल विवाह मुक्त नगरीय निकाय का प्रमाण पत्र जारी किया जाना है।

बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम हेतु राज्यस्तर से प्राप्त सुझावों को अमल में लाते हुए बाल विवाह रोकथाम के संबंध में समस्त आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु प्रेरित किया गया। बाल विवाह रोकथाम की कार्रवाई हेतु विस्तृत निर्देश प्राप्त हुआ है। बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध भी है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे संबंधी, बाराती यहां तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।

बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु मृत्यु दर एवं मातृ मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। जिला प्रशासन ने आमजनों से अपील की है कि समाज में व्यापत इस बुराई के पूर्णतः उन्मूलन हेतु जनप्रतिनिधियों, नगरीय निकाय/पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, स्वयं सेवी संगठनों, महिला स्व सहायता समूहों, किशोर एवं किशोरी बालिकाओं तथा आमजनों से सहयोग प्राप्त कर इस प्रथा के उन्मूलन हेतु परिणाम मूलक कार्रवाई की जानी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय