निजी बस ऑपरेटर्स उतरे हड़ताल पर : पहिये थमे, हड़ताल शुरू
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जोधपुर, 31 अक्टूबर (हि.स.)। जैसलमेर व जयपुर में हादसे के बाद परिवहन विभाग की लगातार कार्यवाही से निजी बस मालिकों में हडक़ंप मच गया है। जिसके कारण बस मोटर आपरेटर्स ने अब भजनलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जयपुर को छोडक़र पूरे राजस्थान में स्लीपर बसों की हड़ताल आज से शुरू हो गई है। स्लीपर बसों का चक्काजाम हो गया है। जोधपुर सहित अन्य जिलों में स्लीपर बसें खड़ी हो गई है। ट्रेवल्स एजेंसियों ने बसों की ऑनलाइन बुकिंग बंद कर दी है। जिसके कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लंबी दूरी पर जाने वाले यात्रियों को अब ट्रेन के माध्यम से दूसरे शहरों में जाना पड़ रहा है।

राजस्थान बस ऑपरेटर एसोसिएशन ने दो नवंबर से पूर्णत: चक्काजाम की चेतावनी भी दी है। एसोसिएशन ने कहा कि दो दिन स्लीपर बस बंद होने के बाद सरकार का रुख देखा जाएगा। सकारात्मक रुख नहीं होने पर दो नवंबर से पूरे प्रदेश में प्राइवेट बसें सडक़ों से हट जाएगी। इसमें ग्रामीण सेवा में शामिल बसें, स्कूल बसें, स्टेट कैरिज, उप नगरीय बसें और लोक परिवहन बसें शामिल होंगी।

ऑल इंडिया टूरिस्ट बस ऑनर एसोसिएशन ने 31 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया था। एसोसिएशन के सचिव राजेंद्र परिहार ने बुधवार को मुख्यमंत्री को एक लेटर भेजा था। एसोसिएशन ने हड़ताल का कारण बताते हुए कहा कि परिवहन विभाग द्वारा 29 अक्टूबर को जारी किए गए एक आदेश के चलते यह फैसला लिया है। प्रदेश भर में चल रही निजी बसों पर चैकिंग के नाम पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है और लगातार बसों को सीज किया जा रहा है।

एसोसिएशन का कहना है कि उन्होंने पहले भी सरकार से आग्रह किया था कि यदि नियमों का पालन नहीं हो रहा है, तो बस ऑपरेटरों को आवश्यक सुधार करने के लिए कुछ समय दिया जाए। साथ ही, जो नियम निजी बसों पर लगाए जा रहे हैं, वे सरकारी बसों पर भी लागू होने चाहिए और उन पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन विभाग एकतरफा कार्रवाई कर रहा है, जो कि उचित नहीं है।

राजस्थान परिवहन एवं सडक़ सुरक्षा विभाग ने 29 अक्टूबर को एक आदेश जारी किया है। विभाग ने स्लीपर बसों की जांच के लिए 12 बिंदुओं की एक लिस्ट जारी की है। इसमें बसों के टाइप अप्रूवल सर्टिफिकेट, आपातकालीन निकास (12 मीटर तक की बस में 4 और उससे अधिक लंबाई में 5), चेसिस का अवैध कटाव, नियम विरुद्ध वर्टिकल बीम, स्लीपर बर्थ की न्यूनतम लंबाई (1800 मिमी), नियम विरुद्ध पार्टीशन गेट, छत पर अवैध लगेज कैरियर, एसी/नॉन एसी पंजीकरण की जांच और एक ही पंजीकरण नंबर के दुरुपयोग की जांच जैसे मुद्दे शामिल हैं। आदेश में यह भी कहा गया है कि नियम तोडऩे वाली बसों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा और उन्हें तभी वापस चालू किया जाएगा, जब वे सभी नियमों का पालन करेंगी। विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर कोई स्लीपर बस नियमों का उल्लंघन करती हुई पाई जाती है, तो इसके लिए संबंधित आरटीओ/डीटीओ को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

बस मोटर आपरेटरों ने कहा कि जैसलमेर हाईवे पर अग्निकांड के बाद तेजी से निजी बसों के खिलाफ कार्रवाई की जा रहीं है। माना की बॉडी मेकिंग में हम गलत भी होंगे तो उसके लिए परिवहन विभाग की ओर से प्रत्येक बस को चैक कर तीन महीने का समय दिया जाए। ताकी बस में उस कमी को सुधारा जा सके।

जोधपुर में हड़ताल का मिला-जुला असर नजर आया। एक तरफ ट्रैवल एसोसिएशन ने कहा कि यहां पर बसें नहीं चलाई जा रही है। दूसरी तरफ जोधपुर से जैसलमेर रूट पर जाने वाली स्लीपर बसें चलती हुई नजर आई। जोधपुर में बॉम्बे मोटर चौराहे के पास बाड़े से बसें चलती हुई नजर आईं। बस ऑपरेटर का कहना है कि ऑल इंडिया बस एसोसिएशन की ओर से हड़ताल का ऐलान किया गया है। वह भी हड़ताल के समर्थन में हैं। यहां पर चल रही बसों के संचालन को लेकर ऑपरेटर्स ने कहा कि इतनी सवारियां नहीं हैं। ऐसे में हड़ताल जैसे ही हालात हैं। यहां मौके पर कई स्लीपर बसें भी चलती हुई नजर आईं। इसमें सवारियों को बिठाया जा रहा था।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश