भावांतर योजना : सोयावीन की खरीदी शुरू, राशि कब आएगी किसानों को नहीं है पता
भावांतर से मंडी अधिनियम का हो रहा उल्लंघन


हरदा, 31 अक्टूबर (हि.स.)। मध्‍य प्रदेश में इस समय भावांतर योजना के तहत मंडियों में सोयाबीन की खरीदी की जा रही है। भावांतर से राशि भुगतान आर.टी.जी.एस. के माध्यम से करने का आश्वासन दिया जा रहा है। राशि कितने दिन में आयेगी इसकी अभी कोई रूपरेखा जारी नहीं की गई है। रवी फसल के लिए खाद बीज की व्यवस्था करने में किसान परेशान है। मंडी में नगद राशि मिलने की उम्मीद से सोयाबीन बेच रहे हैं, किंतु समर्थन मूल्य और बिक्री के अंतर की राशि बाद में आर.टी.जी.एस. से जमा कराने का आश्वासन दिया जा रहा है। इससे किसानों की चिंता परेशानी काफी बढ़ गई है। सोसायिटी से नगद खाद दिया जा रहा है और भावांतर की राशि नहीं मिलने से किसान खाद बीज की व्यवस्था कैसे करें इसको लेकर परेशान है।

मंडी में जिन किसानों ने सोयाबीन बेची है उन्हें सोसायिटी से नगद की बजाय उधार खाद देने की व्यवस्था की जाये। भावांतर की राशि से खाद की राशि का समायोजना कर शेष राशि खाद में ली जाय। इस व्यवस्था से किसानों की परेशानी दूर हो जायेगी और रवि फसल की बोनी समय पर हो जायेगी।

भावांतर की राशि आर.टी.जी.एस. से जमा होने का आश्वासन देने पर अधिकांश किसान मंडी में सोयाबीन बेचने का अनुबंध निरस्त करा रहे हैं। सोयाबीन का रेट 4000 बना कर 800 रूपये भावांतर राशि तय किये जाने का आश्वासन दिया जा रहा है, जबकि सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5358 रुपये है। सोयाबीन का रेट काफी मनमानी तरीके से तय करते हैं। किसान खून पसीना बहाकर अनाज पैदा करते हैं और उचित मूल्य नहीं मिल पाने के कारण उन्हें काफी परेशानी हो रही है।

राष्टीय किसान मजदूर महासंघ के प्रांतीय महामंत्री, रामजीवन वाष्ट ने कहा कि ने कहा कि भावांतर योजना किसानों के हित में नहीं है। मंडी अधिनियम के अनुसार अनाज बेचने के 24 घंटे के भीतर भुगतान हो जाना चाहिए भावांतर योजना के नाम पर राशि रोकना नियम विरुद्ध है। इस पर विचार करके सरकार को समर्थन मूल्य पर सोयाबीन खरीदना चाहिए। प्राकृतिक आपदा से जहां उत्पादन कम हुआ है वही कम दर पर खरीद कर किसानों को लूटा जा रहा है। इससे किसानों की स्थिति और दयनीय हो जायेगी।

हरदा कृषि उपज मंडी के सचिव हरनारायण भिलाला का कहना है कि भावांतर की राशि आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान का प्रावधान है अभी तक किसानों द्वारा नगद की मांग नहीं की गई है। 28 तारीख को 220 अनुबंध हुए और करीब 4300 क्विटल सोयाबीन की खरीदी हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार / Pramod Somani